Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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नहीं निकाला जा सकता । अतः सभी ग्रह क्षेत्रों की स्थिति को ध्यान में रखकर ही निष्कर्ष के रूप में जो प्रभाव उचित प्रतीत हो, उसी को ठीक समझना चाहिए। विचार प्रक्रिया — विभिन्न ग्रह क्षेत्रों से निम्नलिखित बातों का विशेष रूप से विचार करना चाहिए—
(1) गुरु - क्षेत्र - धर्म, यश, सम्मान, ज्ञान, नेतृत्व और महत्त्वाकांक्षा । (2) शनि - क्षेत्र - अध्ययन, चिन्तन, गम्भीरता, अन्ध-विश्वास, निराशा, घृणा और घुटन ।
(3) सूर्य-क्षेत्र - यश, प्रतिभा, कला, तेज, सम्मान, ज्ञान, नेतृत्व, महत्वाकांक्षा, पद सफलता, पराक्रम और महानता । सुविधिसागर जी महाराज
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चित्र - 6 भाग 2
( 4 ) बुध - क्षेत्र - व्यवसाय, विज्ञान, चिकित्सा, तर्क, बुद्धि, विद्या, चतुराई,
आविष्कार ।