Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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कर हस्त रेखा ज्ञान
(29) पालकीनृपति तुल्य वाहन वाला। (30) आँख–दाहिने हाथ में धनाढय (बाँये हाथ में) झूठ बोलने वाला। (31) आक—अल्प व्यवसायी। (32) मछली-भाग्यशाली।
बुध का उभार तथा उसके अर्थ बुध का उभार नौंडी अगुली के बीचे हैं। अच्छे काम पर यह अच्छा चिह्न हैं। बुरी प्रवृत्तियाँ और विशेषकर मानसिक बुरी प्रवृत्तियाँ रखने वाले के लिये बुरी चीजों को द्योतक हैं यह और चीजों की अपेक्षा दिमाग से अधिक सम्बन्ध रखता हैं। यह दिमाग की फुर्ती विचार तथा व्याख्यान देने की शक्ति बतलाता हैं किन्तु बुरे हार्थों के लिए यह मानसिक उद्विग्नता दिमाग की कमजोरी, एकाग्रता की कमी व्यापार में चालाकी तथा हर वस्तु जो कि स्वभाव में छा सकती हैं। यह उभार सदा मस्तक-रेखा के साथ में विचारना चाहिए। लम्बी तथा अच्छी मस्तक रेखा के साथ में यह मानसिक प्रवृत्तियाँ तथा सफलता बतलाता हैं। किन्तु बुरी कमजोर तथा कटी-फटी मस्तक रेखा के साथ में उसकी सारी कमजोरियाँ तथा बुरी प्रवृत्तियाँ बतलाता हैं।
बुध का (Positive) उभार यह उभार (Positive) उन मनुष्यों के लिए हैं जो कि 21 मार्च तथा 20 से 26 जून तक की तारीखों में उत्पन्न होते हैं ऐसे मनुष्य दोहरे चरित्र तथा स्वभाव रखते हैं। वास्तव में उनकी एक प्रवृत्ति दूसरी को खीचती है। यद्यपि वे बहुत ही विद्वान् होते हैं तथापि अक्सर शृंखलाबद्ध विचार तथा लक्ष्य न होने के कारण अपना जीवन बिगाड़ देते हैं।
वे निश्चिय रूप से स्वयं नहीं जान पाते कि क्या चाहते हैं। वे अपने विचार तथा पेशे क्षण-क्षण में बदलते हैं। और जब तक कि वे खुशी की शादी नहीं कर लेते वे शादी में अनिश्चित ही रहते है। उनका समझाना बहुत ही मुश्किल है। वे स्वभाव में गर्म तथा ठण्डे दोनों हैं। अपने स्वभाव के एक पक्ष से वे बहुत प्रेम भी कर सकते हैं तथा दूसरे पक्ष में घृणा भी करते हैं। वे बहुत ही आलोचना