Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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कर हस्त रेखा ज्ञान
तथा रूढ़िवादी और अक्सर अत्याचारी भी होते हैं वे हठी तथा दृढ़ होते हैं। लेकिन विचित्र बात हैं, कि वे जब प्यार करते हैं तो अपने प्रेमी के गुलाम बने जाते हैं। और उसके लिये कोई भी बलिदान असाध्य नहीं समझते। वे उदार तथा दयालु होते हैं और विशेषकर चित्रों के मनोरंजन को पसन्द करते हैं वे बहुत अच्छे मेजवान (Host) होते हैं तथा बहुत अच्छे खानों तथा दावत की रूचि रखते हैं वे पोशाकों के प्रेमी होते हैं और छोटी-सी चीज के लिए अच्छा दिखावा कर सकते हैं वे अपनी इच्छाओं तथा अनिच्छाओं में बहुत ही भावुक होते हैं बहुत ही स्पष्टवादी तथा साफ होते हैं, तेज स्वभाव के और जब जोश में आ जाते हैं तो अपनी जीभ को लगाम नहीं दे सकते उनका गुस्सा व जोश बहुत शीघ्र ही ठण्डा हो जाता हैं और बाद में वे फिर अपने गुस्से से पैदा किये गये घावों के लिये पश्चाताप करते हैं। ऐसे मनुष्य बहुत ही अपने वातावरण से प्रभावित हो जाते हैं और जब उनको किसी गन्दी अथवा अन्धेरी जगह में जबरदस्ती रखा जाता है, तो वे बहुत ही उदास तथा निराश हो जाते हैं। इस काल पोने वाली स्त्री अथवा पुरुष को शीघ्र शादी नहीं करनी चाहिये। क्योंकि उनका पहला कदम गलत होता हैं, वे स्वभाव में इतने स्वतन्त्र होते हैं, विशेषकर वे शीघ्र शादी कर लें और फिर अपनी गलती मालूम करें, तो वे विरह-पूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं और फलस्वरूप कटु आलोचना पाते हैं वे बहुत ही ईर्ष्यालु हो जाते हैं यदि उनके घर शक्ति किसी प्रकार नष्ट हो जाती हैं।
स्वास्थ्य- - इस काल में उत्पन्न होने वाले प्राय: छोटे तथा गोल शक्ल के
नाखून रखते है जो कि गले तथा नाक की कमजोरी बतलाते हैं। ये सिर तथा
कान के दर्द गर्दन की सूजन फोड़ों की ओर प्रवृत्ति तथा (Oppendicitis) तथा आन्तरिक दुःख और विशेषकर आंतों की बीमारियों की शिकायत रखते हैं।
मंगल का (Negative) उभार
जबकि मनुष्य 21 सितम्बर से 20 तथा 26 अक्टूबर के बीच में पैदा होता हैं तो यह उभार (Negative) होता हैं वास्तव में इस समय में इन मनुष्यों का प्रेम अधिक होता हैं। लेकिन वह शारीरिक की अपेक्षा मानसिक अधिक होता