Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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हस्त रेखावान
ललाटे यस्य दृश्यन्ते चतूरेखाः सुवर्णितम्।
निर्दिष्टाशीतिवर्षाणि सामुद्रवचनं यथा॥२४॥
भावार्थ-जिस पुरुष के ललाट पर चार रखायें, खूब अच्छी तरह से दिखाई पड़े, इस शास्त्र के अनुसार उसकी आयु अस्सी वर्ष की होगी। २४ ।।
जीवन रेखा तथा उसके परिवर्तन जीवन रेखा अंगूठे के नीचे की ओर होकर जाती है और बिल्कुल, "खून के बर्तन' (Blood Vessel) जो कि हथेली पर बड़ा वृत्त (The great palrner arch) कहलाता हैं, के ऊपर पड़ी है। (१-१ चित्र ८) यह खूब का बर्तन अधिकतर दिल से सम्बन्ध रखता हैं तथा दिल और जीवित अंगों से सम्बन्ध भी रखता हैं। यह पूर्ण रूप से ठीक हो सकता है, कि विद्यार्थी प्राकृतिक कष्ट मनुष्य की जीवन की अवधि बता सकता है क्योंकि यह जीवित अंगों के साथ का सम्बन्ध ही है जो उसे यह बताने में मदद करता हैं विद्यार्थी को यह याद रखना चाहिए। क्योंकि यह बीमारी तथा स्वास्थ्य के सम्बन्ध में बहुत-सी मुश्किलों को स्पष्ट तथा सरल कर देता हैं। और वह आसानी से ही निम्नलिखित
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चित्र संख्या --