Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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हस्त रेखा ज्ञान
के लिए छोड़ देती हैं, कि यह स्वास्थ्य तथा अच्छी बनावट बतलाती हैं, लेकिन यह इसके विपरीत, साफ पतली तथा स्पष्ट रेखा के समान अच्छी नहीं होती। चौड़ी जीवन रेखा बतलाती हैं कि वह मनुष्य दृढ़ पाशविक ताकत का हैं जबकि पतली रेखा वाला मनुष्य अधिक चेतन तथा इच्छाशक्ति वाला होता हैं किसी भी बुरी तन्दुरुस्ती के प्रभाव से यह पतली ही रेखा है जो बेदाग निकल जाती है जबकि मोटी रेखा वह रोकने की शक्ति नहीं रखती।
कि:-
.-सुविधि ागर जी
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चित्र संख्या - ९ बहुत चौड़ी रेखाएँ इच्छा शक्ति की अपेक्षा पुट्ठों की ताकत अधिक रखती हैं। यदि रेखा जंजीर की तरह हैं (१-१ चित्र ९) तो यह निश्चय ही खराब स्वास्थ्य विशेष पर जब कि हाथ मुलायम भी हो वे ही निशान एक सख्त तथा कड़े हाथ पर उतनी नाजुकता नहीं दिखाते क्योंकि सख्त तथा कड़े हाथ स्वयं ही दृढ़ प्रकृति गठन बतलाते हैं।