Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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भद्रबाहु संहिता
(5) नाखूनों पर चन्द्रमा—बड़े चन्द्रमा सदा दिल की मजबूत हरकत तथा खून का तेज दौरा बतलाते हैं जबकि बहुत बड़े हों तो दिल पर बहुत दबाव ( ) उसकी धड़कन में शीघ्रता और दिल की धड़कन बहुत दबी हुई ( ) तथा दिमाग या दिल में खून की कोई नस फटने का खतरा बतलाते हैं। छोटे चन्द्रमा इसके विपरीत बतलाते हैं वे सदा दिल दिमाग का कमजोर काम, खराब खून का दौरान बतलाते हैं। मृत्यु के नजदीक चन्द्रमा ही सबसे पहले नीला रंग लाता हैं और उसके पश्चात् सारा नाखून नीले या काले रंग का होता है?
"हाथ के उभार और उनके अर्थ" हाथ के उभार (चित्र 6 भाग 2) जातियों के स्वभाव तथा चरित्रों के अन्तर के साथ बदलते है। लगभग दक्षिण की सभी जातियों, तरंगित जातियों में ये उभार अधिक होते हैं वनिस्पत उतरी जातियों के जिन आदमियों के उभार चपटे होते हैं। उनकी अपेक्षा जिनके उभार अधिक ऊंचे होते हैं। वे अपनी इच्छाओं में अधिक बह जाते हैं? हाथ के उभारों के नाम उन्हीं नक्षत्रों पर हैं। जो कि पृथ्वी के भाग्य को संचालित करते हैं। यूनानियों के द्वारा उभारों के ये नाम दिये गये हैं और नक्षत्रों की विशेषताओं से सम्बन्धित हैं जैसे कि
मंगल—प्रेम, इन्द्रिय सेवा और लालसा शुक्र—साहस, चैतन्यता, लड़ाई-झगड़ा आदि बुद्ध-मानसिकता, व्यापार, विज्ञान चन्द्र-विचार, नवीनता, परिवर्तन शीलता सूर्य-चमत्कृतता, सफलता, फल वृहस्पति—इच्छा शक्ती, राज्य शनि-रुखापन, चिन्ता, गम्भीरता
मणिबंधविषयकफल धणकणगरयणजुत्तो मणिबंधे जस्स तिण्णि रेहाओ।
आहरणविविहभागी पच्छा भदं च सो लहइ॥8॥ (जस्समणिबंधे तिण्णि रेहाओ) जिस मनुष्य के हाथ के मणिबंध पर तीन