Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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पञ्चविंशतितमोऽध्यायः
सर्वफल, रूई, सूत, रेशम, वस्त्र, कपूर, चन्दन, चना आदि पदार्थ तेज होते है। आर्द्रा में रवि के रहने से मैथी, गुड़, चीनी, चावल, चन्दन, लाल नमक, कपास, रूई, हल्दी, सोंठ, लोहा, चाँदी आदि पदार्थ तेज होते हैं। पुनर्वसु नक्षत्रमें रहनेसे उड़द, मूंग, मोठ, चावल, मसूर, नमक, सज्जी, लाख, नील, सिल, एरंड, मांजुफल, केशर, कपूर, देवदारु, लौंग, नारियल, श्वेत वस्तु आदि पदार्थ महंगे होते हैं। पुष्य नक्षत्रमें रवि रहनेसे तिल, तेल, मद्य, गुण, ज्वार, गुग्गुल, सुपाड़ी, सोंठ, मोम, हींग, हल्दी, जूट, ऊनीवस्त्र, शीशा, चाँदी आदि वस्तुएँ तेज होती हैं। आश्लेषामें रहनेसे अलसी, तिल, तैल, गुड़, शेमर, नील और अफीम महँगे होते हैं। आश्लेषामें रविके रहने से ज्वार, पंकनीज, दास्त. मिरन, जैल और अफीम महंगे होते हैं। पूर्वाफाल्गुनीमें रहनेसे सोना, चाँदी, लोहा, घृत, तैल, सरसों, एरंड, सुपाड़ी, नील, बांस, अफीम, जूट, आदि तेज होते हैं। उत्तराफाल्गुनीमें रविके रहने से, ज्वार, जौ, गुड़, चीनी, जूट, कपास, हल्दी, हरड़, हींग, क्षार और कत्था आदि तेज होते हैं। हस्तमें रविके रहने से कपड़ा, गेहूँ, सरसों आदि तेज होते हैं। चित्रामें रहनेसे गेहूँ, चना, कपास, अरहर, सूत, केशर, लाख, चपड़ा आदि तेज होता है। स्वाति में रहने से, धातु, गुड़, खाण्ड, तेल, हिंगुर, कपूर, लाख, हल्दी, रूई, जूट, आदि तेज होते हैं। अनुराधा और विशाखामें रहने से चाँदी, चावल, सूत, अफीम आदि महँगे होते हैं। ज्येष्ठा और मूलमें रहने से चावल, सरसों, वस्त्र, अफीम आदि पदार्थ तेज होते हैं। पूर्वाषाढ़ामें रहनेसे तिल, तैल, गुड़, गुग्गुल, हल्दी, कपूर, ऊनी वस्त्र, जूट, चाँदी आदि पदार्थ तेज होते हैं। उत्तराषाढ़ा और श्रवणमें रविके होनेसे उड़द, मूंग, जूट, सूत, गुड़, कपास, चावल, चाँदी, बाँस, सरसों
आदि पदार्थ तेज होते हैं। धनिष्ठामें रहनेसे मूंग, मसूर और नील तेज होते हैं। शतभिषामें रविके रहनेसे सरसों, चना, जूट, कपड़ा, तेल, नील, हींग, जायफल, दाख, छुहारा, सोंठ आदि तेज होते हैं। पूर्वाभाद्रपदमें सूर्य के रहनेसे सोना, चाँदी, गेहूँ, चना, उड़द, घी, रूई, रेशम, गुणुल, पीपरामूल आदि पदार्थ तेज होते हैं। उत्तराभाद्रपदमें रविके होनेसे सभी रस, धान्य और तेल एवं रेवतीमें रहनेसे मोती, रत्न, फल-फूल, नमक, सुगन्धित पदार्थ, अरहर, मूंग, उड़द, चावल, लहसुन, लाख, रूई और सब्जी आदि पदार्थ तेज होते हैं।