Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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हस्त-रेखा ज्ञान
प्रभाव डाले वाली रेखा जब कोई छोटी रेखा भाग्य रेखा से मिलती है या उसके साथ सहगामिनी होकर चलती है तो वह शादी बतलाती है उस वर्ष जब कि वे दोनों मिलती है (3-3 चित्र 13) यदि इसके विपरीत में रेखायें मिलती नहीं तो उस मनुष्य की शादी कभी नहीं होगी यद्यपि उसमें प्रेम तथा प्रभाव विद्यमान है।
जब इन प्रभावशालिनी रेखाओं में से कोई एक रेखा भाग्य-रेखा के पास को दिखाई दे और उसको काटती हुई शुक्र के उभार की और को जावे तो वह प्रभाव घृणा में बदल जाता है और उस मनुष्य के जीवन पथ को हानि पहुंचाता
वनसरी-15
सूर्य की रेखा सूर्य रेखा जो कि सफलता की रेखा भी पुकारी जाती हैं, हाथ पर एक अधिक विशेष रेखा सोचने के लिए। (1-1 चित्र 15) यह जीवन के लिए वही महत्त्व रखती हैं जैसा कि सूर्य पृथ्वी के लिए रखता हैं इस रेखा के बिना जीवन में कोई खुशी कोई चमत्कार नहीं होता और बड़ी-बड़ी शक्तियाँ तथा गुण छिपे पड़े रहते हैं और अपना कोई फल नहीं दिखाते।