Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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हस्त रेखा ज्ञान
से धन तथा दृढ़ ( ) स्थिति की पक्की निशानी नहीं हैं और यह प्रायः ऐसे मनुष्यों के हाथों पर पाई जाती है जब कि वे अपनी जीविका के लिए जनता पर आश्रित हैं जैसे- नाटक खेलने वाले, गवैये, कलाकार, वक्ता, मन्दिर के पुजारी आदि ऐसे कार्य करने वालों के लिए यह बहुत ही भाग्यशाली चिह्न हैं। मस्तक रेखा से शुरू होने पर सूर्य रेखा मानसिक कार्यों में सफलता बतलाती हैं। लेकिन आधे जीवन के व्यतीत करने के बाद में नहीं ? यह किसी विशेष शिक्षा का अध्ययन करने वाले विद्यार्थी, लेखक, वैज्ञानिक तथा मस्तक से कार्य वालों के हाथों में पाई जाती है। हृदय रेखा से शुरू होने से सफलता जीवन में बहुत बाद में मिलती है ऐसी दशा में यह अक्सर जीवन में किन्तु देर से खुशी की शादी बतलाती है लेकिन यह सदा घर घटनाओं की आसानी, खुशी तथा सांसारिक सुखों को बतलाती हैं ।
महाराज
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