Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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त्रयोदशोऽध्यायः
यदि बिल्ली चूहे को मुख में दबाये सामने आ जाये तो कष्ट, रोटी का टुकड़ा दबाकर सामने आवे तो यात्रा में लाभ एवं दही या दूध पीकर सामने आवे तो साधारणत: यात्रा सफल होती है। बिल्लीका रुदन यात्राकालमें अत्यन्त वर्जित है, इससे यात्रामें मृत्यु या तत्तुल्य कष्ट होता है।
कुत्ता विचार-यात्रा कालमें कुत्ता दक्षिण भागसे वाम भागमें गमन करे तो शुभ और कुत्तिया वाम भागसे दक्षिण भागकी ओर आवे तो शुभ; सुन्दर वस्तुको मुखमें लेकर यदि कुत्ता सामने दिखलाई पड़े तो यात्रामें लाभ होता है। व्यापारके निमित्त की गई यात्रा अत्यन्त सफल होती है। यदि कुत्ता थोड़ी-सी दूर आगे चलकर, पुन: पीछेकी ओर लौट आवे तो यात्रा करने वालेको सुख; प्रसन्न क्रीड़ा करता हुआ कुत्ता सम्मुख आनेके उपरान्त पीछेकी ओर लौट जाय तो यात्रा करनेवालेको धन-धान्यकी प्राप्ति होती है। इस प्रकारके शकुनसे यात्रामें विजय, सुख और शान्ति रहती है। यदि श्वान ऊँचे स्थानसे उतर कर नीचे भागमें आ जाय तथा यह दाहिनी
ओर आ जावे तो शुभकारक होता है। निर्विघ्न यात्राकी सिद्धि तो होती ही है, साथ ही यात्रा करनेवालेको अत्यधिक सम्मानकी प्राप्ति होती है। हाथी के बँधनेके स्थान, घोड़ाके स्थान, शय्या, आसन, हरी, घास, छत्र, ध्वजा, उत्तम, वृक्ष, घड़ा, ईटोंके ढेर, चमर, ऊँची भूमि आदि स्थानों पर मूत्र करके कुत्ता यदि मनुष्य के आगे गमन करे तो अभीष्ट कार्योंकी सिद्धि हो जाती है। यात्रा सभी प्रकारसे सफल होती है। सन्तुष्ट, पुष्ट, प्रसन्न, रोगरहित, आनन्दयुक्त, लीला सहित एवं क्रीड़ा सहित कुत्ता सम्मुख आवे तो अभीष्ट कार्योंकी सिद्धि होती है। नवीन अन्न, घृत, निष्ठा, गोबर इनको मुखमें धारण कर दाहिनी ओर और बाईं ओर देखता हुआ श्वान सामने आवे तो सभी प्रकारसे यात्रा सफल होती है। यदि श्वान आगे पृथ्वीको खोदता हुआ यात्रा करने वालेको देखे तो निस्सन्देह इस यात्रासे धनलाभ होता है। यदि कुत्ता गमन करनेवालाको आकर सूंघे, अनुलोम गतिसे आगे बढ़े, पैरसे मस्तको खुजलावे तो यात्रा सफल होती है। श्वान गमन कर्ताके साथ-साथ बाई
ओर चले तो सुन्दर रमणी, धन और यशकी प्राप्ति कराता है। श्वान जूता मुँहमें लेकर सामने आवे या साथ-साथ चले हड्डी लेकर सामने आवे या साथ-साथ चले; केश, वल्कल, पाषाण, जीर्णवस्त्र, अंगार, भस्म, ईंधन, ठीकरा इन पदार्थोंको