Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
View full book text
________________
भद्रबाहु संहिता
EL
शुक्र, मंगल, शनि और बृहस्पति ये ग्रह एक स्थान पर स्थित हों, तो वर्षाको रोकते हैं। उक्त ग्रह स्थितिमें देशमें अन्नका भी अभाव हो जाता है। धान्य भाव महंगा बिकता है। रूई, कपास, जूट, सन आदि का भाव भी तेज होता है। बिहारमें भूकम्प होने की स्थिति आती है। जापान और बर्मामें भी भूकम्प होते हैं। मंगल, बुध, गुरु और शुक्रके एक स्थान पर स्थित होनेसे रजोवृष्टि होती है। दुर्भिक्ष, अन्न, घी, गुड़, चीनी, सोना, चाँदी, माणिक्य, मूंगा आदि पदार्थों का भाव भी तेज ही होता है। नगर और गाँवों में अशान्ति दिखलाई पड़ती है। बिहार, आसाम, उड़ीसा, पूर्व पाकिस्तान, बंगाल आदि पूर्वीय प्रदेशों में साधारण वर्षा और साधारण ही फसल होती है। पंजाब, दिल्ली, अजमेर, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश की सरकारोंके मन्त्रिमण्डलमें परिवर्तन होता है। इटली, ईरान, अरब, मिस्र इत्यादि मुस्लिम राष्ट्रों में भी खाद्यान्नकी कमी होती है। उक्त राष्ट्रोंकी राजनैतिक और आर्थिक स्थिति बिगड़ती जाती है। मंगल, शुक्र, शनि और राहु यदि ये ग्रह एक राशिफर आ जावें तो मेघ कभी वर्षा नहीं करते; दुर्भिक्ष होता है, धान्य और सस्य दोनों ही प्रकारके अनाजोंकी कमी होती है तथा इनके संग्रहसे अनेक प्रकारका लाभ होता है। मंगल, बृहस्पति, शुक्र और शनि ये ग्रह एक साथ बैठे हों तो वर्षाका अभाव होता है। इन ग्रहोंके युद्ध में व्यापारियोंको भी कष्ट होता है। कागज, कपड़ा, रेशम, चीनीके व्यापारमें घाटा होता है। मोटे अनाजोंके भाव बहुत ऊँचे बढ़ते हैं, जिससे खरीदनेवालोंकी संख्या घट जाती है; फिर भी देशमें शान्ति रहती है। सूर्य, गुरु, शनि, शुक्र और राहु इन ग्रहोंके एक साथ रहनेसे मेघ वर्षा नहीं करते हैं और सब धान्यों का भाव महँगा रहता है। चार या पाँच ग्रहोंके एक साथ रहने से अधिक जलकी वर्षा या मही रुधिर प्लावित हो जाती है। बुध, गुरु, शुक्र, सूर्य और चन्द्रमा इन ग्रहोंके स्थानपर होनसे नैर्ऋत्य दिशामें जनताका विनाश होता है। दुर्भिक्ष, अन्न और मवेशी का अभाव होता है। उक्त ग्रहस्थिति वर्मा, लंका, दक्षिण भारत, मद्रास, महाराष्ट्र इन प्रदेशोंके लिए अत्यन्त अशुभ कारक है। उक्त प्रदेशोंमें अन्नका अभाव बड़े उग्र और व्यापक रूप में होती है। पूर्वीय प्रदेश–बिहार, बंगाल, आसाम, पूर्वीय पाकिस्तान में वर्षाकी कमी तो नहीं रहती किन्तु फसल अच्छी नहीं होती है। उक्त प्रदेशोंमें राजनैतिक उलट-फेर भी होते हैं। हैजा, प्लेग जैसी संक्रामक बीमारियाँ