Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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भद्रबाहु संहिता
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धान्यकी उत्पत्ति भी अल्प ही होती है। पूर्वीय प्रदेशोंमें वर्षा साधारणतया अच्छी होती है; उत्तरीय प्रदेशों में खण्ड वृष्टि पश्चिमीय प्रदेशों में वर्षा का अभाव या अत्यल्प तथा दक्षिणीय प्रदेशों में साधारण वृष्टि होती है। मेषराशि का मंगल जनतामें भय और आतंक भी उत्पन्न करता है। वृषराशिमें मंगलके स्थित होने से साधारण वृष्टि देश के सभी भागोंमें होती है। चना, चीनी और गुड़का भाव कुछ महँगा होता है। महामारीके कारण मनुष्योंकी मृत्यु होती है। बझालके लिए मंगलकी उक्त स्थिति अधिक भयावह होती है। मंगलकी उक्त स्थिति बर्मा, श्याम, चीन और जापानके लिए राजनैतिक दृष्टिसे उथल-पुथल करनेवाली होती है। नेताओंमें मतभेद, फूट और कलह रहनेसे जनसाधारणको भी कष्ट होता है। पूर्वी पाकिस्तानके लिए वृषका मंगल अनिष्टप्रद होता है। खाद्यानका अभाव होनेके साथ भयङ्कर बीमारियाँ भी उत्पन्न होती हैं। मिथुनराशिमें मङ्गलके स्थित होने से अच्छी वर्षा होती है। देशके सभी राज्यों और प्रदेशों में सुभिक्ष, शान्ति, धर्माचरण, न्याय, नीति और सच्चाईका प्रसार होता है। अहिंसा और सत्यका व्यवहार बढ़नेसे देशमें शान्ति बढ़ती है। सभी प्रकारके अनाज समर्घ रहते हैं। सोना, चाँदी, लोहा, ताँबा, काँसा, पीतल आदि खनिज धातुओं के व्यापारमें साधारण लाभ होता है। पंजाबमें फसल बहुत अच्छी उपजती है। फल और तरकारियाँ भी अच्छी उपजती हैं। कर्कराशिमें मंगल हो तो भी सुभिक्ष और उत्तम वर्षा होती है उत्तरप्रदेशमें काशी, कन्नौज, मथुरामें उत्तम फसल नहीं होती है, अवशेष स्थानों में उत्तम फसल उपजती है। सिंहराशिमें मंगलके रहनेसे सभी प्रकारके धान्य महगे होते हैं। वर्षाभी अच्छी नहीं होती। राजस्थान, गुजरात, मध्यभारतमें साधारण वर्षा होती है। भाद्रपद मासमें वर्षाका योग अत्यल्प रहता है। आश्विनमास वर्षा और फसलके लिए उत्तम माने जाते हैं। सिंहराशिके मंगलमें क्रूर कार्य अधिक होते हैं, युद्ध और संघर्ष अधिक होते हैं। राजनीतिमें परिवर्तन होता है। साधारण जनताको भी कष्ट होता है। आजीविका साधनोंमें कमी आ जाती है। कन्याराशिके मंगलमें खण्डवृष्टि, धान्य सस्ते, थोड़ी वर्षा, देशमें उपद्रव, क्रूर कार्योंमें प्रवृत्ति, अनीति और अत्याचारका व्यापक रूप से प्रचार होता है। बंगाल और पंजाबमें नाना प्रकारके उपद्रव होते हैं। महामारी का प्रकोप आसाम और बंगाल में होता है। उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के लिए कन्याराशिका मंगल