Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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त्रयोदशोऽध्यायः
यहाँ एक भी स्थान पर शून्य शेष नहीं आया है। अतः फलादेश उत्तम है, यात्रा
करना शुभ है।
घातक चन्द्र विचार - मेषराशि वालोंको जन्मका, वृषराशि वालोंका पाँचवाँ, मिधुराशि वालोंको नौवाँ, कर्कराशि वालोकों दूसरा, सिंहराशि वालोको छठवाँ, कन्याराशि वालोंको दशवाँ, तुलाराशि वालोंको तीसरा, वृश्चिकराशि वालोंको सातवाँ, धनुराशि वालोंको चौथा, मकरराशि वालोंको आठवाँ, कुम्भराशि वालोंको ग्यारहवाँ और मीन राशि वालोंको बारहवाँ चन्द्र घातक होता है। यात्रामें घातक चन्द्र त्यक्त है।
घातक नक्षत्र — कृत्तिका, चित्रा, शतभिषा, मघा, धनिष्ठा, आर्द्रा, मूल, रोहिणी, पूर्वाभाद्रपद, मघा, मूल और पूर्वाभाद्रपद ये नक्षत्र मेषादि बारह राशिवाले व्यक्तियोंके लिए घातक हैं। किसी-किसी आचार्यका मत है कि मेष राशिवालोंको कृत्तिका का प्रथम चरण, वृषराशि वालको चित्राका दूसरा चरण, मिथुन राशिवालोंको शतभिषाका तीसरा चरण, वृषराशि वालोंको मघाका तीसरा चरण, सिंहराशि वालोंको धनिष्ठाका प्रथम चरण, कन्याराशि वालोंको आर्द्राका तीसरा चरण, तुलाराशि वालोंको मूलका दूसरा चरण, वृश्चिक राशिको रोहिणीका चौथा चरण धनुराशि वालोंको पूर्वाभाद्रपदका चौथा चरण, मकरराशि वालोंको मघाका चौथा चरण, कुम्भराशि वालोंको मूलका चौथा चरण और मीनराशि वालोंको पूर्वाभाद्रपदका तीसरा चरण त्याज्य है।
घात तिथि विचार - वृष, कन्या और मीन राशिवालोको पञ्चमी, दशमी और पूर्णिमा घाततिथि है। मिथुन और कर्क राशिवाले व्यक्तियोंको द्वितीया, द्वादशी और सप्तमी धाततिथियाँ हैं। वृश्चिक और मेष राशिवालोंको प्रतिपदा, षष्ठी और एकादशी घात तिथि हैं। मकर और तुलाराशिवालों को चतुर्थी, चतुर्दशी और नवमी घाततिथियाँ एवं धन, कुम्भ और सिंह राशिवाले व्यक्तियोंके लिए तृतीया, त्रयोदशी और अष्टमी घाततिथियाँ हैं। इनका यात्रामें त्याग परम आवश्यक है।
घातवार - मकर राशिवाले व्यक्तियोंको मंगलवार घातक है; वृष, सिंह और कन्या राशिवालोंको शनिवार; मिथुन राशिवाले व्यक्तिके लिए सोमवार, मेष राशिवालोंको रविवार, कर्क राशिवालोको बुधवार; मीन और वृश्चिकको शुक्रवार एवं कुम्भ और तुला राशिवालोंको गुरुवार घातक है। इन घातक वारोंमें यात्रा करना वर्जित है ।