Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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भद्रबाहु संहिता
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युक्त गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो रणमें हाथी, मनुष्य और घोड़ोंका अधिक रक्तपात होता है।
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आचार्य ऋषिपुत्र ने बतलाया है कि पूर्व दिशामें गन्धर्वनगर दिखाई पड़े तो पश्चिम दिशाका नाश अवश्य होता है। पश्चिममें अन्न और वस्त्र की कमी रहती है । अनेक प्रकारके कष्ट पश्चिम निवासियोंको सहन करने पड़ते हैं। दक्षिण दिशामें गन्धर्वनगर दिखलाई दे तो राजाका नाश होता है, प्रशासक वर्गमें आपसी मनमुटाव भी रहता है, नेताओंमें पारस्परिक कलह होती है, जिससे आन्तरिक अशान्ति होती रहती है। पश्चिम दिशाका गन्धर्वनगर पूर्वके वैभवका विनाश करता है। पूर्वमें हैजा, प्लेग जैसी संक्रामक बीमारियाँ फैलती हैं और मलेरिया का प्रकोप भी अधिक रहेगा । उक्त दिशाका गन्धर्वनगर पूर्व दिशाके निवासियोंको अनेक प्रकारका कष्ट देता है। उत्तर दिशाका गन्धर्वनगर उत्तर निवासियोंके लिए ही कष्टकारक होता है। यह धन, जन और वैभवका विनाश करता है। हेमन्तऋतुके गन्धर्वनगरसे रोगोंका विशेष आतंक रहता है । वसन्तऋतुओं में दिखाई देनेवाला गन्धर्वनगर सुकाल करता है, तथा जनता का पूर्ण रूप से आर्थिक विकास होता है। ग्रीष्म ऋतु में दिखलाई देने वाला गन्धर्वनगर नगरका विनाश करता है, नागरिकोंमें अनेक प्रकारसे अशान्ति फैलाता है। अनाजकी उपज भी कम होती है। वस्त्राभावके कारण भी जनतामें अशान्ति रहती है। आपसमें भी झगड़े बढ़ते हैं, जिससे परिस्थिति उत्तरोत्तर विषम होती जाती है। वर्षा ऋतुमें दिखलाई देनेवाला गन्धर्वनगर वर्षाका अभाव करता है। इस गन्धर्वनगरका फल दुष्काल भी है। व्यापारी और कृषक दोनोंके लिए ही इस प्रकारके गन्धर्वनगरका फलादेश अशुभ होता है। जिस वर्षमें उक्त प्रकारका गन्धर्वनगर दिखलाई पड़ता है, उस वर्ष में गेहूँ और चावलकी उपज भी बहुत कम होती है। शरदऋतु गन्धर्वनगर दिखाई पड़े तो मनुष्योंको अनेक प्रकारकी पीड़ा होती है। चोट लगना, शरीरमें घाव लगना, चेचक निकलना, एवं अनेक प्रकारके फोड़े होना आदि फल घटित होता है। अवशेष ऋतुओं में गन्धर्वनगर दिखलाई दे तो नागरिकों को कष्ट होता है। साथ ही छ: महीने तक उपद्रव होते रहते हैं । प्रकृतिका प्रकोप होनेसे अनेक प्रकारकी बीमारियाँ भी होती हैं। रात्रिमें गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो देशकी आर्थिक हानि, वैदेशिक सम्मानका अभाव, तथा देशवासियोंको अनेक प्रकार के कष्ट सहन करने