Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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एकादशोऽध्यायः
बुधवारको गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो शीतका प्रकोप होता है। शहरोंमें भी ओले बरसते हैं। पशुओं और मनुष्योंको अपार कष्ट होता है। गुरुवारको गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो जनताको अपार कष्ट होता है। यद्यपि आर्थिक विकासके लिए इस प्रकारके गन्धर्वनगर दिखलाई पड़ना उत्तम होता है। शुक्रको गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो शान्ति रहती है। जनतामें सहयोग बढ़ता है। औद्योगिक विकासके लिए उत्तम होता है। शनिवारको गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो सिंह, व्याघ्र आदि हिंसक पशुओं द्वारा जनताको कष्ट होता है। व्यापारके लिए इस प्रकारके गन्धर्वनगरका दिखलाई पड़ना शुभ नहीं है।
मार्गशीर्ष मासमें मंगलवारके दिन गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो जनताको कष्ट, आगामी वर्ष उत्तम वर्षा, फसल अच्छी और बड़े पूँजीपतियोंको कष्ट होता है। बुधवारको गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो भी जनताको कष्ट होता है। गुरुवारको गन्धर्वनगरका दिखलाई पड़ना अच्छा होता है, देशका सर्वाङ्गीण विकास होता है। शुक्रवारको गन्धर्वनगरका देखा जाना लाभ, सुख, आरोग्य और शनिवारको देखनेसे हानि होती है। शनिवारकी शामको यदि पश्चिम दिशामें गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो गदर होता है। कोई किसीको पूछता नहीं, मारकाट और लूटपाटकी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
पौषमासमें मंगलवारको गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो प्रजाको कष्ट, रोग और अग्निभय; बुधवारको दिखलाई पड़े तो शान्ति, धन और यशकी प्राप्ति; गुरुवारको दिखलाई पड़े तो पूर्ण सुभिक्ष, धान्यका भाव सस्ता, सोना-चाँदीका भाव महँगा; शुक्रवारको दिखलाई पड़े तो आगामी वर्ष घनघोर वर्षा, आर्थिक कष्ट, आवासकी समस्या और अन्नकष्ट; एवं शनिवारको गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो राजा और प्रजा दोनोंको अपार कष्ट होता है।
माघमासमें मंगलवारको गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो चैती फसल बहुत उत्तम, लोहाके व्यापारमें पूर्ण लाभ, रबर या गोंदके व्यापारमें हानि, राजनैतिक उपद्रव और अशान्ति; बुधवारको दिखलाई पड़े तो उत्तम वर्षा, सुभिक्ष, आर्थिक विकास और शान्ति; गुरुवारको दिखलाई पड़े तो सुख, सुभिक्ष और प्रसन्नता; शुक्रवारको दिखलाई पड़े तो शान्ति, लाभ और आनन्द एवं शनिवारको दिखलाई पड़े तो अपार कष्ट होता है। प्रातःकाल शनिवारको इस महीनेमें गन्धर्वनगरका देखना शुभ होता है। उस प्रदेशमें सुभिक्ष, सुख और शान्ति रहती है।