Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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भद्रबाहु संहिता
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चक्र, शकुन आदि को अवश्य देखना चाहिये। भारत स्वतन्त्र होने के बाद राजाओं का अस्तित्व खत्म हो चुका है, इसलिये सामान्यत साधारण जनता की यात्रा के लिये यह सब देखना चाहिये, प्रत्येक यात्री को अपने यात्रा के निकलने पर इसी प्रकार विचार करना चाहिये ।
प्रत्येक यात्री के लिये यह सब देखना परम आवश्यक है अगर यात्रा के समय में योगीनि अशुभ है, तिथी अशुभ है, नक्षत्र अशुभ है, वार घातक है, चन्द्र विपरीत है तो यात्रा के लिये नहीं निकलना चाहिये।
उपर्युक्त स्थिति वाले अशुभ मुहूर्त में यात्रा पर निकलने से रोगादिक-मरणादिक भय उपस्थित हो जाते हैं। बहुत विघ्न आता है यात्रा में अशान्ति बन जाती है। यात्राकालीन शकुन को भी अवश्य देखना चाहिये शुभ शकुन मिलने पर ही यात्रा के लिये प्रस्थान करे | अशुभ शकुन हो तो यात्रा के लिये कभी नहीं निकले। यात्रा में छींक का भी विचार करे, यात्रा को निकलते समय अगर सामने से छींक हो तो मृत्यु लाने वाली होती है, सीधे हाथ की छींक अशुभ व अनिष्ट करती है।
ग्राही की यात्रा कभी सिद्ध नहीं होती है, सूखे वृक्ष पर कौआ बैठ कर बोले तो यात्री को आगे अवश्य ही झगड़े के कारण बनते हैं अगर वही कौआ घनिष्ठ छायादार वृक्ष के ऊपर बैठकर बोलता है तो अवश्य शुभ होता है मित्रलाभदिक प्राप्त होते है । यात्रा में उल्लू, नीलकण्ठ, खंजनपक्षी, तोता, चिड़िया, मयूर, हाथी, अश्व, गधा, बैल, महिष, गाय, बिडाल, कुत्ता, सियाल आदि के मिलने पर या इनके शब्द सुनने पर अवश्य विचार करे इनमें कुछ तो शुभ है कुछ अशुभ है शुभ में यात्रा करे, अशुभ में यात्रा करना छोड़े यानी यात्रा नहीं करें।
इस प्रकार यात्रा को निकलते समय शकुनादि का विचार करे प्रत्येक व्यक्ति को इसका ध्यान अवश्य रखना चाहिये जिसको इन मुहूर्तादिक का ज्ञान नहीं हो तो, वह निमित्तज्ञानी को अवश्य पूछ कर अपनी यात्रा करे। यहाँ पर अब कुछ अन्य लेखक का भी अभिप्राय दे देता हूँ पाठकगण को सुविधा होगी ।
विवेचन — इस प्रस्तुत यात्रा प्रकरणमें राजा महाराजाओंकी यात्राका निरूपण आचार्यने किया है। अब गणतन्त्र भारतमें राजाओंकी परम्परा ही समाप्त हो चुकी है | अतः यहाँ पर सर्व सामान्यके लिए यात्रा सम्बन्धकी उपयोगी बातों पर प्रकाश डाला जायगा । सर्वप्रथम यात्रा के मुहूर्त्त के सम्बन्धमें कुछ लिखा जाता है। क्योंकि