Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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। भद्रबाहु संहिता
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करता हुआ बहे तो इसका फलादेश समस्त राष्ट्रके लिए हानिकारक होता है। राष्ट्रको आर्थिक क्षति उठानी पड़ती है तथा राष्ट्रके सम्मानका भी ह्रास होता है। देशमें किसी महान् व्यक्ति की मृत्युसे अपूरणीय क्षति होती है। यदि यही वायु प्रदक्षिण करता हुआ अनुलोम गतिसे प्रवाहित हो तो राष्ट्रको साधारण क्षति उठानी पड़ती है। स्निग्ध, मन्द, सुगन्ध दक्षिणीय वायु भी अच्छा होती है तथा राष्ट्रमें सुख-शान्ति उत्पन्न करती है। मंगलवारको दक्षिणीय वायु सायं-सायंका शब्द करता हुआ चले
और एक प्रकारकी दुर्गन्धि आती हो तो राष्ट्र और देशके लिए चार महीनों तक अनिष्टसूचक होता है। इस प्रकारके वायुसे राष्ट्रको अनेक प्रकारके संकट सहन करने पड़ते हैं। अनेक स्थानों पर उपद्रव होते हैं, जिससे प्रशासकोंको महती कठिनाइयोंका सामना करना पड़ता है। देशके खनिज पदार्थोकी उपज कम होती है और वनोंमें अग्नि लग जाती है। जिससे देशका धन नष्ट हो जाता है। शनिवार की आषाढ़ी पूर्णिमाको दक्षिणीय वायु चले तो देशको अनेक प्रकारके कष्ट उठाने पड़ते हैं जिस प्रदेशमें इस प्रकारकी वायु चलती है उस प्रदेशके सौ-सौ कोश चारों ओर अग्नि प्रकोप होता है। आषाढ़ी पूर्णिमाको पूर्वीय वायु चले तो देशमें सुख-शान्ति होती है तथा सभी प्रकारकी शक्ति बढ़ती है। वन, खनिजपदार्थ, कल-कारखाने आदिकी उन्नति होनेका सुन्दर अवसर आता है। सोमवारको यदि पूर्वीय हवा प्रात:कालसे मध्याह्नकाल तक लगातार चलती रहे और हवामें से सुगन्धि आती हो तो देशका भविष्य उज्ज्वल होता है। सभी प्रकारसे देशकी समृद्धि होती है। नये-नये नेताओंका नाम होता है, राजनैतिक प्रमुख बढ़ता जाता है, सैनिक शक्तिका भी विकास होता है। यदि थोड़ी वर्षाके साथ उक्त प्रकारकी हवा चले तो देशमें एक वर्ष तक आनन्दोत्सव होते रहते हैं, सभी प्रकारका अभ्युदय बढ़ता है। शिक्षा, कला-कौशलकी वृद्धि होती है और नैतिकताका विकास नागरिकोमें पूर्णतया होता है। नेताओंमें प्रेमभाव बढ़ता है जिससे वे देश या राष्ट्रके कर्मोंको बड़े सुन्दर ढंगसे सम्पादित करते हैं। गुरुवारको पूर्वीय वायु चले तो देशमें विद्याका विकास, नये-नये अन्वेषणके कार्य, विज्ञानकी उन्नति एवं नये-नये प्रकारकी विद्याओंका प्रसार होता है। नगरोंमें सभी प्रकारका अमन चैन रहता है। शुक्रवारको पूर्वीय वायु दिनभर चलती रहे तो शान्ति, सुभिक्ष और उन्नतिकी सूचक है, इस प्रकारके वायुसे देशकी सर्वाङ्गीण उन्नति होती