Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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| नवमोऽध्यायः ।
आश्विनमासमें रहती है। शनिवारके साथ शतभिषा नक्षत्र भी हो तो और भी अधिक हानिकार होता है। भाद्रपद प्रतिपदाको प्रातःकाल पश्चिमीय हवा चले और यह दिन भर चलती रह जाय, तो खूब वर्षा होती है आश्विन मासके अतिरिक्त कार्तिक मासमें भी जल बरसता है। गेहूँ और धान दोनोंकी फसलके लिए यह उत्तम होता है। भाद्रपद कृष्णा पञ्चमी शनिवार या मंगलवारको हो और इस दिन पूर्वीय हवा चले तो साधारण ही फसल तथा दक्षिणीय हवा चले तो फसलके अभावके साथ वर्षाका भी अभाव होता है। पञ्चमी तिथिको भरणी नक्षत्र हो और इस दिन दक्षिणी हवा चले तो वर्षाका अभाव रहता है तथा फसल भी अच्छी नहीं होती। पञ्चमी तिथिको गुरुवार और अश्विनी नक्षत्र हो तो अच्छी फसल होती है। कृत्तिका नक्षत्र हो तो साधारणतया वर्षा होती है।
राष्ट्र, नगर सम्बन्धी फलादेश-आषाढ़ी पूर्णिमाको वायु जिस प्रदेशमें चलती है, उस प्रदेशमें उपद्रव होता है, अनेक प्रकारके रोग फैलते हैं तथा उस क्षेत्रके प्रशासकों में मतभेद होता है। यदि पूर्णिमा शनिवारको हो तो उस प्रदेशके शिल्पी कष्ट पाते हैं, रविवार को हो तो चारों वर्णके व्यक्तियोंके लिए अनिष्टकर होता है। मंगलवारको पूर्णिमा तिथि हो और दिनभर पश्चिमीय वायु चलती रहे तो उस प्रदेशमें चोरोंका उपद्रव बढ़ता है तथा धर्मात्माओंको अनेक प्रकारके कष्ट होते हैं। गुरुवार और शुक्रवारको पूर्णिमा हो और इस दिन सन्ध्या समय तीन घण्टे तक पश्चिमीय वायु चलती रहे तो निश्चयत: उस नगर, देश या राष्ट्रका विकास होता है। जनतामें परस्पर प्रेम बढ़ता है, धन-धान्यकी वृद्धि होती है और उस देशका प्रभाव अन्य देशों पर भी पड़ता है। व्यापारिक उन्नति होती है तथा शान्ति और सुखका अनुभव होता है। उक्त तिथिको दक्षिणी वायु चले तो उस क्षेत्रमें अत्यन्त भय, उपद्रव, कलह और महामारीका प्रकोप होता है। आपसी कलहके कारण आन्तरिक झगड़े बढ़ते जाते हैं और सुख-शान्ति दूर होती जाती है। मान्य नेताओंमें मतभेद बढ़ता है, सैनिक शक्ति क्षीण होती है। देशमें नये-नये करोंकी वृद्धि होती है और गुप्त रोगोंकी उत्पत्ति भी होती है। यदि रविवारके दिन अपसव्य मार्गसे दक्षिणीय वायु चले तो घोर उपद्रवोंकी सूचना मिलती है। नगरमें शीतला और हैजेका प्रकोप होता है। जनता अनेक प्रकारका त्रास उठाती है, भयंकर भूकम्प होनेकी सूचना भी इसी प्रकार के वायुसे समझनी चाहिए। यदि अर्धरात्रिमें दक्षिणीय वायु शब्द