Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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भद्रबाहु संहिता
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अकालमरण होनेकी सूचना समझनी चाहिए। यदि चन्द्रमाके बिम्बके चारों ओर परिवेष होनेपर उस परिवेषके निकट ही बिजली चमकती प्रकाशमान दिखलाई पड़े तो आगामी आषाढ़ में अच्छी वर्षा होती है । माघ कृष्ण द्वितीयाको गर्जन - तर्जनके साथ बिजली दिखलाई पड़े तो आगामी वर्षमें फसल साधारण तथा वर्षा की कमी होती है । माघी पूर्णिमाको मध्य रात्रिमें उत्तर-दक्षिण चमकती हुई बिजली दिखलाई पड़े तो आगामी वर्ष राष्ट्रके लिए उत्तम होता है। व्यापारियोंको सभी वस्तुओंके व्यापारमें लाभ होता है। यदि दूसरी रातमें चन्द्रोदय के समयमें ही लगातार एक मुहूर्त - ४८ मिनट तक बिजली चमके तो आगामी वर्षमें राष्ट्रके लिए अनेक प्रकारसे विपत्ति आती है । फाल्गुन मासकी कृष्णपक्षकी प्रतिपदा, द्वितीया और तृतीयाको मेघाच्छन्न आकाश हो और उसमें पश्चिम दिशाकी ओर बिजली चमकती हुई दिखलाई पड़े तो आगामी वर्षमें फसल अच्छी होती है और तत्काल ओलोंके साथ जलकी वर्षा होती है। यदि होलीकी रात्रिमें पूर्व दिशामें बिजली चमके तो आगामी वर्ष में अकाल, वर्षाभाव, बीमारियों एवं धन-धान्यकी हानि और दक्षिण दिशामें बिजली चमके तो आगामी वर्षमें साधारण वर्षा, विशेष प्रकोप, अकी जहाँ एवं खनिज पदार्थ सामान्यतया महँगे होते हैं। पश्चिम दिशाकी ओर बिजली चमके तो उपद्रव, झगड़े, मार-पीट, हत्याएँ, चोरी एवं आगामी वर्ष में अनेक प्रकार की विपत्ति और उत्तर दिशा में बिजली चमके तो अग्निभय आपसी विरोध, नेताओं में मतभेद, आरम्भमें वस्तुएँ सस्ती पश्चात् महँगी एवं आकस्मिक दुर्घटनाएँ घटित होती हैं होलीके दिन आकाशमें बादलोंका छाना और बिजलीका चमकना अशुभ है।
वसन्त ऋतु — चैत्र और वैशाखमें बिजलीका चमकना प्रायः निरर्थक होता है । चैत्र कृष्ण प्रतिपदाको आकाशमें मेघ व्याप्त हों और बूँदा बूँदीके साथ बिजली चमके तो आगामी वर्षके लिए अत्यन्त अशुभ होता है। फसल तो नष्ट होती ही है, साथ ही मोती, माणिक्य आदि जवाहरात भी नष्ट होते हैं। दिनमें इस दिन मेघ छा जायें और वर्षाके साथ बिजली चमके तो अत्यन्त अशुभ होता है। आगामी वर्षके लिए यह निमित्त विशेष अशुभकी सूचना देता है। चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तृतीय विद्ध हो तथा इस दिन भरणी नक्षत्र हो तो इस दिन चमकने वाली बिजली आगामी वर्षमें मनुष्य और पशुओंके लिए नाना प्रकारके अरिष्टोंकी सूचना देती है : पशुओंमें आगामी अश्विन, कार्तिक, माघ और चैत्रमें भयानक रोग फैलता है तथा मनुष्यों में