________________ बारहवां शतक : उद्देशक 4] [149 एगयो सत्त परमाणुपो०, एगयओ तिपएसिए खंध भवति; अहवा एगयओ छप्परमाणुपो०, एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति / नवहा कज्जमाणे एगयओ अट्ठ परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए खंधे भवति / दसहा कज्जमाणे दस परमाणुपोग्गला भवंति / [10 प्र.] भगवन् ! दस परमाणु-पुद्गल संयुक्त होकर इकट्ठे हों तो क्या बनता है ? [10 उ.] गौतम ! उनका एक प्रदेशी स्कन्ध बनता है। उसके विभाग किये जाने पर दो, तीन यावत् दश विभाग होते हैं / दो विभाग होने पर एक ओर एक परमाणु-पुद्गल, और एक अोर एक नवप्रदेशी स्कन्ध होता है / अथवा एक और एक द्विप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक अष्टप्रदेशी स्कन्ध होता है। इस प्रकार एक-एक का संचार (वृद्धि) करना चाहिए, यावत् दो पञ्चप्रदेशो स्कन्ध होते हैं / तीन विभाग होने पर एक ओर पृथक्-पृथक् दो परमाणु -पुद्गल और एक अष्टप्रदेशी स्कन्ध होता है / अथवा एक अोर एक परमाणु-पुद्गल, एक अोर द्विप्रदेशी स्कन्ध और एक अोर एक सप्तप्रदेशो स्कन्ध होता है / अथवा एक ओर एक परमाणु-पुद्गल, एक ओर एक त्रिप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक षट्प्रदेशी स्कन्ध होता है। अथवा एक अोर एक परमाणु-पुद्गल, एक पोर एक चतुष्प्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक पंचप्रदेशी स्कन्ध होता है। [अथवा एक अोर दो द्विप्रदेशी स्कन्ध और एक अोर षट्प्रदेशिक स्कन्ध होता है / अथवा एक ओर एक द्विप्रदेशी स्कन्ध, एक अोर एक त्रिप्रदेशी स्कन्ध और एक पंचप्रदेशी स्कन्ध होता है।] अथवा एक ओर एक द्विप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर दो चतुष्प्रदेशी स्कन्ध होते हैं। अथवा एक ओर दो त्रिप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक चतुष्प्रदेशी स्कन्ध होता है। चार विभाग होने पर-एक ओर पृथक्-पृथक् तीन परमाणु-पुद्गल और एक अोर एक सप्तप्रदेशी स्कन्ध होता है / अथवा एक ओर पृथक्-पृथक् दो परमाण-पुद्गल, एक ओर एक द्विप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक षट्प्रदेशी स्कन्ध होता है / अथवा एक ओर पृथक्-पृथक् दो परमाणु-पुद्गल, एक ओर एक त्रिप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक पंचप्रदेशी स्कन्ध होता है / अथवा एक अोर पृथक-पृथक दो परमाणु-पुद्गल, और एक ओर दो चतुष्प्रदेशी स्कन्ध होते हैं / अथवा एक ओर एक परमाणु-पुद्गल, एक अोर एक द्विप्रदेशी स्कन्ध, एक ओर एक त्रिप्रदेशीस्कन्ध और एक ओर एक चतुष्प्रदेशी स्कन्ध होता है / अथवा एक ओर एक परमाणु-पुद्गल और एक ओर तीन त्रिप्रदेशीस्कन्ध होते हैं / अथवा एक ओर तीन द्विप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक चतुष्प्रदेशी अथवा एक मोर दो द्विप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर दो त्रिप्रदेशी स्कन्ध होते हैं। पांच विभाग हों तो--एक ओर पृथक-पृथक् चार परमाणु-पुद्गल और एक ओर षट्प्रदेशिक स्कन्ध होता है / अथवा एक ओर तीन परमाणु-पुद्गल (घृथक्-पृथक् ) तथा एक अोर एक द्विप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक पञ्चप्रदेशो स्कन्ध होता है / अथवा एक ओर पृथक पृथक् तीन परमाणपुद्गल, एक ओर एक त्रिप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक चतुष्प्रदेशिक स्कन्ध होता है। अथवा एक ओर दो पृथक् पृथक् परमाणु-पुद्गल, एक अोर दो द्विप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक चतुष्प्रदेशी स्कन्ध होता है / अथवा एक ओर दो परमाणु-पुद्गल (पृथक्-पृथक्) एक ओर एक द्विप्रदेशी स्कन्ध और दो विप्रदेशी स्कन्ध होते हैं। अथवा एक ओर एक परमाणु-पुद्गल, एक ओर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org