________________ दसमे एगिदियसए : पढमाइ-नवम-पज्जंता उद्देसगा दसवाँ एकेन्दियशतक : पहले से नौवें उद्देशक-पर्यन्त छठे एकेन्द्रियशतकानुसार : कृष्णलेश्यी-अभवसिद्धिक-एकेन्द्रिय-वक्तव्यता-निर्देश 1. एवं कण्हलेस्सप्रभवसिद्धीयसयं पि। ॥दसमे एगिदियसए : पढमाइ-नवम-पज्जंता उद्देसगा समत्ता // 10 // 16 // // तेतीसइमे सए : दसमं एगिदियसयं समत्तं // 33-10 // [1] इसी प्रकार (पूर्ववत्) कृष्णलेश्यी अभवसिद्धिक एकेन्द्रिय का शतक भी कहना चाहिए। // दसवा एकेन्द्रियशतक : पहले से नौवें उद्देशक तक समाप्त // // तेतीसवाँ शतक : दसवां एकेन्द्रियशतक सम्पूर्ण // Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org