________________ अठारहवाँ उद्देशक त्रीन्द्रियों में उत्पन्न होने वाले दण्डकों में सत्रहवें उद्देशकानुसार वक्तव्यता-निर्देश 219 उन्नीसवाँ उद्देशक चतुरिन्द्रियों में उत्पन्न होने वाले दण्डकों में उपपात-परिमाण आदि बीस द्वारों की प्ररूपणा 221 बीसवां उद्देशक नरक पृथ्वियों की अपेक्षा पंचेन्द्रिय तिर्यंचों में उत्पत्ति-निरूपण 222, पंचेन्द्रिय तिर्यंचों में उत्पन्न होने वाले सात नरकों के नैरयिकों के उत्पाद-परिमाणादि द्वारों की प्ररूपणा 222, पंचेन्द्रिय तिर्यचों में उत्पन्न होने वाले एकेन्द्रिय-विकलेन्द्रियों के उपपात-परिमाणादि की प्ररूपणा 227, पंचेन्द्रिय-तियंचों में उत्पन्न होने वाले असंज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंचों के उत्पाद-परिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 228, पंचेन्द्रिय तिर्यंचों में उत्पन्न होने वाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंचों के उत्पाद-परिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 232, मनुष्य की अपेक्षा पंचेन्द्रिय तिर्थच-योनिकों में उत्पत्ति निरूपण 235, पंचेन्द्रिय तिर्यंचों में उत्पन्न होने वाले संज्ञी मनुष्य के उत्पाद-परिमाण प्रादि द्वार 236, देवों से पंचेन्द्रिय तियंचों के उत्पत्ति का निरूपण 239, पंचेन्द्रिय तिर्यंचों में उत्पन्न होने वाले भवनवासी देवों के उत्पाद-परिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 240, पंचेन्द्रिय तियंचों में उत्पन्न होने वाले वाणब्यन्तर देवों के उत्पाद-परिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 241, पंचेन्द्रिय-तिर्यचों में उत्पन्न होने वाले ज्योतिष्क देवों में उपपातपरिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 241, वैमानिक देवों को पंचेन्द्रिय तिथंचों में उत्पत्ति निरूपण 242, पंचेन्द्रिय तिर्यचों में उत्पन्न होने वाले सौधर्म से सहस्रार देव पर्यन्त के उत्पाद-परिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 243 / इक्कीसवाँ उद्देशक गति की अपेक्षा मनुष्यों के उपपात का निरूपण 245, मनुष्यों में उत्पन्न होने वाले रत्नप्रभा से तमःप्रभा तक के नैरयिकों में उत्पाद-परिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 245, मनुष्यों में उत्पन्न होने वाले अग्नि-वायुकाय के सिवाय एकेन्द्रिय-विकलेन्द्रिय-पंचेन्द्रिय-तिर्यंच मनुष्यों के उत्पाद-परिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 246, देवों को अपेक्षा मनुष्यों की उत्पत्ति-प्ररूपणा 248, मनुष्यों में उत्पन्न होने वाले भवनवासी आदि चारों प्रकार के देवों के उत्पाद-परिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 249 / बाईसवाँ उद्देशक वागव्यन्तरों में उत्पन्न होने वाले प्रसंज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंचों में उपपात-परिमाणादि का नागकुमार उद्देशक के अतिदेशपूर्वक निर्देश 255, वाणव्यन्तर देवों में उत्पन्न होने वाले मनुष्यों के उत्पाद-परिमाण आदि बीस द्वारों की प्ररूपणा 255, वाणव्यन्तर देवों में उत्पन्न होने वाले मनुष्यों के उत्पाद-परिमाण आदि बीस द्वारों की प्ररूपणा 257 / तेईसवाँ उद्देशक गति की अपेक्षा ज्योतिष्क देवों के उपपात का निरूपण 258, ज्योतिष्क देवों में उत्पन्न होने वाले असंख्येयवर्षायुष्क संशी पंचेन्द्रिय तिर्यचों के उपपातादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 259, ज्योतिष्क देवों में उत्पन्न होने वाले संख्यात वर्षायुष्क संज्ञो-पंचेन्द्रिय तिर्यंचों में उपपातादि बीस द्वारों का निरूपण 261, ज्योतिष्क देवों में उत्पन्न होने वाले मनुष्यों में उपपात आदि बीस द्वारों की प्ररूपणा 262 / [ 112] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org