________________ 582] व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र * जोवों की ग्यारह स्थानों द्वारा क्रियावादिता आदि प्ररूपरणा 2. जोवा णं भंते ! कि किरियावादी, अकिरियावादी, अनाणियवादी, वेणइयवादो ? गोयमा! जोवा किरियावादी वि, अकिरियावादो वि, अन्नागियवादी वि, वेणइयवादी वि / [2 प्र. भगवन् ! जीव क्रियावादी हैं, अक्रियावादी हैं, अज्ञानवादी हैं अथवा विनयवादी हैं ? {2 उ.] मौतम ! जीव क्रियावादी भी हैं, प्रक्रियावादी भी हैं, अज्ञानवादी भो हैं और विनयवादी भी हैं। 3. सलेस्सा णं भंते ! जीवा कि किरियावादी० पुच्छा। गोयमा ! किरियावादी वि जाव वेणइयवादी वि। [3 प्र.] भगवन् ! सलेश्यी (लेश्यावाले) जीव क्रियावादी हैं ? इत्यादि पूर्ववत् प्रश्न / 13 उ.] गौतम ! सलेश्यी जीव क्रियावादी भी हैं यावत् विनयवादी भी हैं / 4. एवं जाव सुक्कलेस्सा। [4] इसी प्रकार (कृष्णलेश्या बाले से लेकर) यावत् शुक्ललेश्या वाले जीव पर्यन्त जानना / 5. अलेस्सा णं भंते ! जीवा० पुच्छा। गोयमा ! किरियावादी, नो प्रकिरियावादी, नो अन्नाणियवादी, नो वेणइयवादी / [5 प्र.] भगवन् ! अलेश्यी जीव कियावादी हैं ? इत्यादि पूर्ववत् प्रश्न / [5 उ.] गौतम ! वे क्रियावादी हैं, किन्तु प्रक्रियावादी, अज्ञानवादी या विनयवादी नहीं हैं। 6. कण्हपक्खिया पं भंते ! जीवा कि किरियावादी० पुच्छा। गोयमा ! नो किरियावादी, अकिरियावादी वि, अन्नाणियवादी वि, वेणइयवादी वि। 66 प्र.] भगवन् ! कृष्णपाक्षिक जीव क्रियावादी हैं ? इत्यादि पूर्ववत् प्रश्न / / [6 उ.] गौतम ! कृष्णपाक्षिक जीव क्रियावादी नहीं हैं, अपितु प्रक्रियावादी हैं, अज्ञानवादी भी हैं और विनयवादी भी हैं। 7. सुक्कपक्खिया जहा सलेस्सा। [7] शुक्लपाक्षिक जीवों (का कथन) सलेश्यी जीवों के समान जानना चाहिए / 8. सम्मट्टिी जहा अलेस्सा। [=] सम्यग्दृष्टि जीव, अलेश्यो जीव के समान हैं / 1. मिच्छादिट्ठी जहा कण्हपक्खिया / [9] मिथ्यादृष्टि जीव, कृष्णपाक्षिक जीवों के समान हैं। 10. सम्मामिच्छट्ठिी गं० पुच्छा। गोयमा! नो किरियावादी, नो अकिरियावादी, अन्नाणियवादी वि, वेणइयवादी वि। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org