________________ 472] [व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र [126 प्र.] भगवन् ! सामायिकसंयत, सामायिकसंयतत्व त्यागते हुए किसको छोड़ता है और किसे ग्रहण करता है ? [126 उ.] गौतम ! वह सामायिकसयतत्व (संयम) को छोड़ता है और छेदोपस्थापनीयसंयम, सूक्ष्मसम्परायसंयम, असंयम अथवा संयमासंयम को ग्रहण करता है / 130. छेदोवट्ठावगिए० पुच्छा। गोयमा ! छेदोवढावणियसंजयत्तं जहति; सामाइयसंजमं वा परिहारविसुद्धियसंजमं वा प्रसंजमं वा संजमासंजमं वा उवसंपज्जति / [130 प्र.] भगवन् ! छेदोपस्थापनीयसंयत छेदोपस्थापनीय संयतत्व को छोड़ते हुए किसे छोड़ता है और किसे ग्रहण करता है ? [130 उ.] गौतम ! वह छेदोपस्थापनीयसंयतत्व का त्याग करता है और सामायिकसंयम, परिहारविशुद्धिकसंयम, सूक्ष्मसम्परायसंयम, असंयम या संयमासंयम को प्राप्त करता है / 131. परिहारविसुद्धिए पुच्छा। गोयमा ! परिहार विसुद्धियसंजयत्तं जहति; छेदोवट्ठावणियसंजमं वा असंजमं वा उपसंपज्जा / [131 प्र.] भगवन् ! परिहारविशुद्धिकसंयत परिहारविशुद्धिकसंयतत्व को छोड़ता हुआ किसका त्याग करता है और किसको ग्रहण करता है ? [131 उ.] गौतम ! वह परिहारविशुद्धिकसंयतत्व का त्याग करता है और छेदोपस्थापनीयसंयम या असंयम को ग्रहण करता है। 132. सुहमसंपराए० पुच्छा। गोयमा ! सुहमसंपरागसंजयत्तं जहति; सामाइयसंजमं वा छेदोवट्ठावणियसंजमं वा अहक्खायसंजमं वा असंजमं वा उवसंपज्जा / [132 प्र.] भगवन् ! सूक्ष्मसम्परायसंयत सूक्ष्मसम्परायसंयतत्व को छोड़ता हुप्रा किसका त्याग करता है और किसको ग्रहण करता है ? [132 उ. गौतम ! वह सूक्ष्मसम्परायसंयतत्व को छोड़ता है और सामायिकसंयम, छेदोपस्थापनीयसंयम, सूक्ष्मसम्परायसंयम, असंयम अथवा संयमासंयम को ग्रहण करता है। 133. अहक्लायसंजए. पुच्छा / गोयमा ! अहक्खायसंजयत्तं जहति; सुहमसंपरागसंजमं वा अस्संजमं वा सिद्धिगति वा उपसंपज्जति / [दारं 24] / 133 प्र.] भगवन् ! यथाख्यातसंयत यथाख्यातसंयतत्व को त्याग कर किसे त्यागता यावत् किसे प्राप्त करता है ? इत्यादि प्रश्न / [133 उ.] गौतम ! वह यथाख्यातसयतत्व का त्याग करता है और सूक्ष्मसम्परायसंयम, असंयम या सिद्धिगति को प्राप्त करता है / [चौवीसवाँ द्वार] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org