________________ बारहवाँ उद्देशक गति की अपेक्षा से पृथ्वीकायिकों की उत्पत्ति प्ररूपणा 182, पृथ्वीकायिक में उत्पन्न होने वाले पृथ्वीकायिक सम्बन्धी उत्पत्ति-परिमाणादि बीस द्वारों को प्ररूपणा 183, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले अप्कायिकों में उपपात-परिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 187, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले तेजस्कायिकों में उपपातपरिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 189, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले वनस्पतिकायिकों में उपपातपरिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 190, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले हीन्द्रिय जीवों में उपपातादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 191 / पृथ्वीकायिक में उत्पन्न होने वाले वीन्द्रिय में उपपात-परिमाण आदि बीस द्वारों की प्ररूपणा 194, पृथ्वीकायिक में उत्पन्न होने वाले चतुरिन्द्रिय जीवों के उपपात-परिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 195, पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिक की अपेक्षा पृथ्वीकायिक-उत्पत्ति निरूपण 196, पृथ्वीकाथिक में उत्पन्न होने वाले प्रसज्ञी पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिक के उपपात-परिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 197, पृथ्वीकाय में उत्पन्न होने वाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तियंञ्चों में उपपात-परिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 198, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले असंजी-संज्ञोसंख्येयवर्षायुष्क पर्याप्तक-अपर्याप्तक मनुष्यों में उत्पादादि बीस द्वारों को प्ररूपणा 191 / देवों से प्राकर पृथ्वीकायिकों में उत्पाद का निरूपण 202, भवनवासी देवों की अपेक्षा पृथ्वीकायिकों में उत्पत्ति-निरूपण 202, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले असुर कुमार में उत्पाद-परिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 203, पृथ्वीकाधिकों में उत्पन्न होने वाले नागकुमार से लेकर स्तनितकुमार तक के भवनवासी देवों में उत्पत्ति-परिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 205, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले वाणव्यन्तर देवों में उत्पादपरिमाणादि बीस द्वारों की प्ररूपणा 206, पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होने वाले ज्योतिष्क देवों में उपपात-परिमाणादि बीस द्वारों को प्ररूपणा 207, वैमानिक देवों को अपेक्षा पृथ्वीकायिक-उत्पत्ति-निरूपण 208 / तेरहवां उद्देशक तेरहवें उद्देशक के प्रारम्भ में मध्य मंगलाचरण 211, अप्कायिकों में उत्पन्न होने वाले चौवीस दण्डकों में उत्पादादि प्ररूपणा 211 चौदहवाँ उद्देशक तेजस्नायिकों में उत्पन्न होने वाले दण्डकों में बारहवें उद्देशक के अनुसार वक्तव्यता-निर्देश 214 पन्द्रहवाँ उद्देशक वायुकायिकों में उत्पन्न होने वाले दण्डकों में चौदहवें उद्देशक के अनुसार वक्तव्यता-निर्देश सोलहवाँ उद्देशक वनस्पतिकायिकों में उत्पन्न होने वाले चौवीस दण्डकों के बारहवें उद्देशकानुसार वक्तव्यता सत्तरहया उद्देशक द्वीन्द्रियों में उत्पन्न होने वाले दण्डकों में उपपात-परिमाणादि बीसद्वारों की प्ररूपणा 217 . [ 111 ] Jain Education International. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org