________________ वीसवां शतक : उद्देशक 5 [27 कदाचित एक देश काला और देश लाल होता है; यहाँ भी पूर्ववत् चार भंग कहने चाहिए। (9-12) अथवा कदाचित् एक देश काला और एक देश पीला; इत्यादि पूर्ववत् चार भंग कहने चाहिए / इसी तरह (13-16) अथवा कदाचित् एक अंश काला और एक अंश श्वेत, इत्यादि पूर्ववत् चार भंग कहने चाहिए। (17-20) अथवा कदाचित् एक अंश नीला और एक अंश लाल आदि पूर्ववत् चार भंग / (21-24) कदाचित् नीला और पीला के पूर्ववत् चार भंग। (25-28) कदाचित् नीला और श्वेत के पूर्ववत् चार भंग। फिर (29-32) कदाचित् लाल और पीला के पूर्ववत् चार भंग / (33-36) कदाचित् लाल और श्वेत के पूर्ववत् चार भंग / इसी प्रकार (37-40) अथवा कदाचित् पीला और श्वेत के भी चार भंग कहने चाहिए / यों इन दस द्विकसंयोग के 40 भंग होते हैं। यदि वह तीन वर्ण वाला होता है तो-(१) कदाचित् काला, नीला और लाल होता है, अथवा (2) कदाचित् एक अंश काला, एक अंश नीला और अनेक अंश लाल होते हैं, अथवा (3) कदाचित् एक देश काला, अनेक देश नीला और एक देश लाल होता है / अथवा (4) कदाचित् अनेक देश काले, एक देश नीला और एक देश लाल होता है। इस प्रकार प्रथम त्रिकसंयोग के चार भंग होते हैं। (5-8) इसी प्रकार द्वितीय त्रिकसंयोग-काला, नीला और पीला वर्ण के चार भंग, (6-12) तृतीय त्रिकसंयोग–काला, नीला और श्वेत वर्ण के चार भंग, (13-16) काला, लाल और पीला वर्ण के चार भंग, (17-20) काला, लाल और श्वेत वर्ण के चार भंग, (21-24) अथवा काला, पीला और श्वेत वर्ण के चार भंग, (25-28) अथवा नीला, लाल और पीला वर्ग के चार भंग, (26-32) या नीला, लाल और श्वेत वर्ण के चार भंग; (33-36) अथवा नीला, पीला और श्वेत वर्ण के चार भंग, (37-40) अथवा कदाचित् लाल, पीला और श्वेत वर्ण के चार भंग होते हैं। इस प्रकार 10 त्रिकसंयोगों के प्रत्येक के चार-चार भंग होने से सब मिला कर 40 भंग हुए। यदि वह चार वर्ण वाला है तो (1) कदाचित् काला, नीला, लाल और पीला होता है, (2) कदाचित काला, लाल, नीला और श्वेत होता है, (3) कदाचित् काला, नीला, पीला और श्वेत होता है, (4) अथवा कदाचित काला, लाल, पीला और श्वेत होता है, (5) अथवा कदाचित् नीला, लाल पीला और श्वेत होता है / इस प्रकार चतुःसंयोगी के कुल पांच भंग होते हैं। इस प्रकार चतुःप्रदेशी स्कन्ध के एक वर्ण के असंयोगी 5, दो वर्ण के द्विकसंयोगी 40, तीन वर्ण के त्रिकसंयोगी के 40 और चार वर्ण के चतु:संयोगी 5 भंग हुए / कुल मिलाकर वर्णसम्बन्धी 90 भंग हुए। यदि वह चतुःप्रदेशी स्कन्ध एक गन्ध बाला होता है तो (1) कदाचित् सुरभिगन्ध और (2) कदाचित् दुरभिगन्ध वाला होता है। यदि वह दो गन्ध वाला होता है तो कदाचित् सुरभिगन्ध और दुरभिगन्ध वाला होता है, इसके (एकवचन और बहुवचन की अपेक्षा से) चार भंग होते हैं / इस प्रकार गन्ध-सम्बन्धी कुल 6 भंग होते हैं / जिस प्रकार वर्ण सम्बन्धी (60 भंग कहे गए हैं) उसी प्रकार रस-सम्बन्धी (60 भंग कहने चाहिए)। यदि वह (चतुष्प्रदेशी स्कन्ध) दो स्पर्श वाला होता है, तो उसके परमाणपुद्गल के समान चार भंग कहने चाहिए। यदि वह तीन स्पर्श वाला होता है तो, (1) सर्वशीत, एक देश स्निग्ध और Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org