________________ 768] [व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र 24 प्र.] भगवन् ! पृथ्वोकायिक, अप्कायिक, अग्निकायिक और वायुकायिक, इन चारों में से कौन-सी काय सबसे सूक्षम है और कौन-सी सूक्ष्मतर है ? [24 उ.] गौतम ! (इन चारों में से) वायुकाय सब-से सूक्ष्म है, वायुकाय हो सबसे सूक्ष्मतर है। 25. एतस्स णं भंते ! पुढविकाइयस्स आउकाइयस्स तेउकाइयरस य कयरे कार्य सम्वमुहमे ? कयरे काये सव्वसुहुमतराए ? गोयमा! तेउकाय सन्वसुहमे, तेउकाये सव्वसुहमतराए / [25 प्र.] भगवन् ! पृथ्वोकायिक, अकायिक और अग्निकायिक, (इन तोनों में से) कोने सी काय सबसे सूक्ष्म है, कौन-सी सूक्ष्मतर है ? [25 उ.] गौतम ! (इन तीनों में से) अग्निकाय सबसे सूक्ष्म है, अग्निकाय हो सर्वसूक्ष्मतर है। 26. एतस्स गं भंते ! पुढविकाइयस्त आउक्काइयस्स य कयरे काये सबसुहमे ?, कयरे काये सव्वसुहुमतराए ? गोयमा! आउकाये सव्वहुमे, आउकाए सव्वसुहुमतराए / [26 प्र.] भगवन् ! पृथ्वीकायिक और अप्कायिक इन दोनों में से कौन-सी काय सबसे सूक्ष्म है, कौन-सी सर्वसूक्ष्मतर है ? [26 उ.] गौतम ! (इन दोनों कायों में से) अप्काय सबसे सूक्ष्म है, और अप्काय हो सर्वसूक्ष्मतर है। विवेचन--फलितार्थ-पृथ्वोकायादि पांचों कायों में सबसे सूक्ष्म वनस्पति काय है। वनस्पति के सिवाय शेष चार कायों में सर्वसूक्ष्म वायुकाय है। वायुकाय को छोड़ कर शेष तोनों कायों में अग्निकाय है प्रो नकाय का छोड़ कर शेष दो कायो में सब सूक्ष्म अकाय है / इस प्रकार सूक्ष्मता का तारतम्य यहाँ बताया गया है।' सव्वसुहुमतराए : अर्थ-सबसे अधिक सूक्ष्म / एकेन्द्रिय जीवों में सर्वबादर सर्वबादरतरनिरूपण 27. एयस्स णं भंते ! पुढविकाइयस्स आउ० तेउ० वाउ० वणस्सतिकाइयस्स य कयरे काये सव्यबादरे ?, कपरे काये सन्यबादरतराए ? गोयमा ! वसतिकाये सब्बबादरे, वगस्सतिकाये सब्बवादरतराए / (27 प्र.] भगवन् ! इन पृथ्वीकायिक, अप्कायिक, तेजस्कायिक, वायुकायिक और वनस्पतिकायिक में से कौनसी काय सबसे बादर (स्थूल) है, कौन-सो काय सर्वबादरतर है ? 1. वियाइपाणत्तिसुत भा. 2 (मूलपाठ-टिप्पण) पृ. 837-838 2. भगवती. विवेचन (पं. घेवरचंदजी) भा. 6, प. 2786 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org