________________ उन्नीसवां शतक : उद्देशक 3] [27 उ.] गौतम ! (इन पांचों में से) वनस्पतिकाय सर्वबादर है, वनस्पतिकाय ही सबसे अधिक बादर है। 28. एयस्त णं भंते ! पुढविकायस्स आउक्का० तेउका० वाउकायस्स य कयरे काये सम्वबायरे ?, कयरे काये सव्वबादरतराए ? गोयमा ! पुढविकाए सव्वबादरे, पुढविकाए सव्वबादरतराए / [28 प्र.] भगवन् ! पृथ्वीकायिक, अप्कायिक, अग्निकायिक और वायुकायिक, इन चारों में से कौन-सी काय सबसे बादर है, कौन-सी बादरतर है ? [28 उ ] गौतम ! (इन चारों में से) पृथ्वीकाय सबसे बादर है, पृथ्वीकाय ही बादरतर है / 29. एयरस णं भंते ! आउकायस्स तेउकायस्स वाउकायस्स य कयरे काये सव्वबायरे ?, कयरे काए सवबादरतराए ? गोयमा ! आउकाये सव्ववायरे, प्राउकाए सम्वबादरतराए। [29 प्र.] भगवन् ! अप्काय, तेजस्काय और वायुकाय इन तीनों में से कौन-सी काय सर्वबादर है, कौन-सी बादरतर है ? [26 उ.] गौतम ! (इन तीनों में से) प्रकाय सर्वबादर है, अप्काय ही बादरतर है / 30. एयस्स णं भंते ! तेउकायस्स वाउकायस्स य कयरे काये सम्बबादरे ?, कयरे काये सव्वबादरतराए? गोयमा ! तेउकाए सव्वबादरे, तेउकाए सध्वबादरतराए / [30 प्र.] भगवन् ! अग्निकाय और वायुकाय, इन दोनों कायों में से कौन-सी काय सबसे बादर है, कौन-सी बादरतर है ? [30 उ.] गौतम ! इन दोनों में से अग्निकाय सर्वबादर है, अग्निकाय ही बादरतर है। विवेचन-पांच स्थावरों में बादर-बादरतर कौन ?..-पांच स्थावरों में सबसे अधिक बादर प्रत्येक वनस्पति की अपेक्षा वनस्पतिकाय है, वनस्पतिकाय को छोड़ कर शेष चार स्थावरों में सर्वाधिक बादर है—पृथ्वीकाय / फिर पृथ्वीकाय के सिवाय शेष तीन स्थावरों में सर्वाधिक बादर है-अप्काय / और अप्काय को छोड़कर शेष दो स्थावरों में सर्वाधिक बादर है-अग्निकाय / इस प्रकार बादर का तारतम्य बताया गया है।' पृथ्वीशरीर की महाकायता का निरूपण 31. केमहालए णं भंते ! पुढ विसरीरे पन्नत्ते ? गोयमा ! अणंताणं सुहुमयणसतिकाइयाणं जावइया सरीरा से एगे सुहमवाउसरीरे / असंखेज्जाणं सुहुमवाउसरीराणं जावतिया सरीरा से एगे सुहुमतेउसरीरे / असंखेज्जाणं सुहुमतेउकाइय. 1. वियाहपत्तिसूतं भा. 2, (मूलपाठ-टिपण) प्र.८३८-८३९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org