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बहिहिं मनालिसललियहिंवलिमर्दिदिहिहिं काविषण्मुपड़तादासश्काविसविणदार्किपिस सासर्शकाविलणदिउबाहिंगणु जशमलसदिमठपंगणासाहौसञ्चदतायहाका |
नाणसुरिदसयाजणेरी वलेवेळचलयेविलग्गज कविसोझण
हिरकतहिमगरकंठादरपाठयणनिमन्त्र काविदेश्कंकर्षक वाझवलिरुयुत्
सिन्नर तगादणंणियश्यन्वचिनी काविजामायहासाश्म सिकरिस्त्रीविका
हिता कवितिन्लेषणायपरकालवण्डडुतकुननिदालज्ञ
दारविलनिटकाविलासयय घडुमतिधिनसिमुदएका NAVINETN पविजायतियमयरहठावळुसणेविधरमंडखवळ कादविणा
वाधढलियट पिम्मसलिलऊळ्यलिगलियठायला पर
सबठाकडठलठ कविदेश्करण उद्दामाश्यकासिताबि उसदलविरुएराचिनी कुलधासदणमामाणुप्पश्चाताहणववसिय सिमामा मिवधईतिरमणीयजससिणेहविलसियाळानिहजिड्युंदरूखेलशाहहितिदहिया
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कुत्ते को घर में बाँध लिया गया। किसी का नीवी-बन्धन खिसक गया, और प्रेमजल हृदयतल पर फैल गया।
घत्ता-कोई पैर में सुन्दर कड़ा और हाथों में नुपूर देती है । इस प्रकार सारा नगर मानो काम के द्वारा सताया गया॥१५॥
कोमल सुन्दर मुड़ती हुई नजरों से देखती है। कोई पैरों पर गिरती हुई दिखाई देती है, कोई विनयपूर्वक कुछ भी कहती है। कोई कहती है कि मुझे आलिंगन दो, यदि तुम मेरा आँगन छोड़ोगे तो तुम्हें पिता की देवेन्द्रों के लिए भयों को उत्पन्न करनेवाली कसमें हैं। कोई चंचला वस्त्रांचल से लग जाती है और वहाँ सौभाग्य की भीख माँगती है। कोई रत्नों से बना कण्ठाभरण, कंकण और कटिसूत्र देती है, कोई उद्भ्रान्त मन होकर उनमें नेत्र लीन करके देखती है, कोई जामाता को आलिंगन देती है। कोई तेल से पैरों का प्रक्षालन करती है, कोई (कढ़ी के लिए) छाछ नहीं देख पाती वह दूध को बघार देती है, कोई रस्सी से लटके हुए बालक को घड़ा समझते हुए भयानक कुएँ में डाल देती है; कामदेव को देखते हुए किसी के द्वारा बछड़ा समझकर
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जिसमें कुलधन, स्वजन, मोह, मान, उन्नति और ब्रीड़ा (लज्जा) के अपहरण की चेष्टा है, ऐसे उसके स्नेह विलास को स्त्रियाँ मुनिव्रत की तरह धारण करती हैं। वह सुन्दर कुमार गली में ज्यों-ज्यों खेलता है वैसे-वैसे सुन्दर आँखोंवाली स्त्रियों के हृदय का अपहरण करता है,
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