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कायरियन लापविंधणनाश्त्रायन इंदचंदपडिकलणसीलडंधाधगंडखयकवहलीलडे एजे
रटापक्ति।
चक्चवचिवलायही पायरिघरिखदाउणलायही मणिमजहमालाघलादल गयादवायरसामसहज
रथपक्ति।
तरकार
व सरहिाँधुसिरिसविउसलसल गणहसरवियसिउरछुपाल वलयायारहोणिरुसेवायही अवसदे
कायर हुआ मानो आया हुआ भानुबिम्ब शोभित है। इन्द्र और चन्द्रमा को प्रतिकूल करनेवाला मानो धकधक (करों) से उज्ज्वल, सुरभित गन्ध और लक्ष्मी से सेवित तथा भ्रमर सहित जो चक्र मानो आकाशरूपी नदी करता हुआ प्रलय काल की लीला के समान है। इस चक्रवर्ती को देख लो मानो लोक ने (इसके लिए) नगर का रक्त कमल है। वलय की आकृतिबाले सुन्दर कान्ति से युक्त में दीपक रख दिया है। मणियों की किरणमालाओं के ठहरने का तट, राजारूपी दिवाकर के पुण्यरूपी हाथों
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