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साणकषवरुसुखरु सिरिपदमंदिरमामंसिरिकासहिष्णकंदंड्सममाहे सामंतिगिरगहरीप देजिणचरणारविंदस्यचित मारिलिंग्यछिदविसम्मन्न अमरुसर्यपडणाम सारवणणणिजिका माचरुविनरूमउगलिगनिलएमयोहरेडाचताउादववाहवरूधिसजायदानाकुंडलिल्ला। सहाय पदावमाणसरसकंदाद्या खणसादामाणिजवमहाधनाऊरुमिरमाणउमरवि कतिप भाजमियकामगिखसटकम्पेरिउपहारमपहरुद्धा
वराजास्वरिष्मा उपउलाहनध्यासिजमाजावानर सुनायाएका
प्रहप रूपरयाणरुणावतबिमाणेयलमा पाममणहाउस
मन जासबुवद्यहंसाविठ जणमद्यावखुधमुहालाविछ। पाककृतिलोयपीयकरु सामंजायकवलिजिएवरुणाणे। परियापनिमुरसहवागउर्वशासरिडतहासिरिहरु य मरगहतरालेपश्सप्पिय थुङभिनयुख्यसतिकरविषु नि चूडतहास्वविवरमुणीसर पश्मदिणुछुपरमसरपश्सवदुब(पदियउल्लकार विषय पञ्जाणियउतषुणसिसचिउडसमुसहपसुविपाससुविधड़मजलमगरवसुयसमा
वज्रजंच ईशान स्वर्ग के श्रीप्रभ विमान में श्रीधर नाम का श्रेष्ठ सुर हुआ और उसी स्वर्ग में कुन्द और चन्द्रमा के समान आभावाले स्वयंप्रभ विमान में वह स्त्री (श्रीमती) जिन के चरणकमलों में भक्ति रखने के कारण जो पूर्वजन्म में वानर था, वह कुरुभूमि के मनुष्य के रूप में सुख भोगकर नन्दावर्त विमान में उत्पन्न सम्यक्त्व से स्त्रीलिंग का उच्छेद कर स्वयंप्रभ नाम का देव हुई, जिसे रूप में कामदेव भी नहीं जीत सका। हुआ सुन्दर मनोहर नाम के देव के रूप में। पण्डितसमूह को अच्छा लगनेवाला जो स्वयंबुद्ध था और जिसने व्याघ्र का जीव मनुष्य भी मरकर सुन्दर विमान में सुन्दर अंगोंवाला सुन्दर चित्रांग देव हुआ। वराह का जीव महाबल को धर्म में प्रतिष्ठित किया था, त्रिलोक को प्रिय लगनेवाला वह प्रीतंकर नाम का जिनवर केवली भी देव हुआ कुण्डलिल्ल नाम का सुन्दर कान्तिवाला। शरद् मेघों के समान नन्दविमान में वह ऐसा लगता, हुआ। देवसहचर श्रीधर ज्ञान से यह जानकर उसकी बन्दनाभक्ति करने के लिए गया। देवसभा के भीतर प्रवेश जैसे एक क्षण के लिए मेघ में विद्युत् समूह शोभा देता है।
करके और गुरुभक्ति कर अपने गुरु की खूब स्तुति की- 'हे परमेश्वर ! भवविवर में गिरते हुए मुझे तुमने घत्ता-नकुल का जीव मनुष्य मरकर कुरुभूमि से मनुष्य हुआ जो कान्ति में मानो दूज का चाँद था। हाथ का सहारा दिया, तुम स्वयंबुद्ध बुद्ध हो, दुनिया में बुद्ध माने जाते हैं। आपने हृदय विशुद्ध कर दिया इस प्रकार अपने शुभकर्म से प्रेरित होकर मनरथवाला ॥१०॥
है। आपने अशेष तत्त्व का साक्षात्कार कर लिया है, आप धनी और निर्धन में समान हैं। आप मेरे लिए आधारभूत अभग्न स्तम्भ हैं,
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