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सिउणग्राहिउकलिंबिलकणपस नवरायानुसपटतेलू सामनेयुजिलयुक्तमारना
हुकासुत्रसुसरीरमारराकिंक्रिवियरहिटीमहिससवणा संबलपुसपणिपुलमिलतेणाकन सक्तिसेणुमंत्रीक
उपरिकल स्वपुणगरिक गउहसिसुनकारि परमायएनिठुर बडाप्रतिष्टछाकरने
वाया मंदिराठणासारिखार मड़वष्यासमुंत्रणेमुश्यमायाविषु मायएडिसहोकवाणछायाताएणविनदिहहनवाटारनपुर यानरूपश्च ताक्षणसन्निसत्रगान पडिवणुपासासवदापंच दिदिकहिउनिहालयकम्मुत्रमियमश्वर्णतमशहमु रा
बजिनमद्धमझमंसुराणियपतम्रतदिनससस सामतपुर अणगाखेल पालियानिणरायहीतपिलवलावणसिरियाकिच्छाकमविण्यात उधपुणवहकल्लाणणामुसासि भयजिगुरुवारसाय संचालत जहिंसश्मा यापरिपकसिनिरुसरविमलकुल सहपश्णीवाश्वतराने जातावहसहिसाएक सदार जणदोषणालबनिनसूर कणवासिखिणिइसकेगर्दवासउठपुवक लिक उटिन्डमुसाजिसणि सुखरामकुवितहिजवाणपितासिरिय।
विभूषित कामदेव हो। कहीं घूमते हुए लक्षणों से प्रशस्त केवल एक बालक उसे प्राप्त हुआ। सामन्त ने उससे का नाश करनेवाला धर्म पाँचों ने स्वीकार कर लिया। राजा ने मद्य, मधु और मांस छोड़ दिया। रानी ने भी पूछा-हे कामदेव के समान शरीरवाले तुम किसके पुत्र हो? बचपन से ही तुम धरती पर क्यों घूम रहे हो? प्रशंसापूर्वक वही सब किया। सामन्त शक्तिषेण ने अनागार वेला का व्रत लिया, और वह जिनराज (मुनि) यह वचन सुनकर बालक ने कहा
की पारणा को बेला (समय) का पालन करने लगा। (अर्थात् वह मुनियों के आहार ग्रहण करने के समय घत्ता-मैंने घर की उपेक्षा की, उसकी रक्षा नहीं की। मैं बच्चा था, बुलाने पर चला गया था। परन्तु के बाद ही भोजन करता)। उसकी पत्नी अटवीश्री ने पाप का अन्त करनेवाला अनुप्रवृद्धकल्याण का तप कठोरवाणी कहनेवाली माँ ने घर से निकाल दिया॥१२॥
किया। वह बालक और गुरुभारवाली मृगनयनी पत्नी वहाँ (मृणालवती नगरी में ) गयी जहाँ उसकी माँ रहती १३
थी। शिविर छोड़कर वन के भीतर वह सर्पसरोवर के तटपर अपने पति के साथ जब रह रही थी तभी सुधियों हे सुभट, बचपन में मेरी माँ की मृत्यु हो गयी। बिना माँ के बच्चे के लिए किसकी छाया? भूयस्थ (धन के लिए सैकड़ों सुख देनेवाली, पिता की मृणालवती नगरी में कनक श्री पत्नी और उसका पति सेठ सुकेतु से सम्पन्न) पिता ने भी नहीं देखा और मैं तुम्हारे पुरवर में आ गया। तब उस शक्तिषेण ने निष्पाप उस बालक था। उसका भवदेव पुत्र मानो कलिकृतान्त था। वह अत्यन्त उन्मत्त और दुर्मुख कहा जाता था। उसी नगरी को सत्यदेव के रूप में स्वीकार कर लिया। आर्यिका अमितमती और अनन्तमती के द्वारा कहा गया कर्मों में एक और बनिया था।
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