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पंडिताधात्री कर्ड चित्रपटु समप्र्पण ॥ नेपालयका पन
तामासँग सँग पुरयास या चत्रिय नरवरेस शळा सेय निजिया समसरखं निवसियविर वारियरय पत्रारा यातंजिया हरये डकिय हरयंसत वियंवरयं दिडोलिग्निर्हिपडो मि धण डोमणेचिंनविन तपच्छे विहिलसियसि वो तणुकोणणिवा रामचियन केणविलणियांपत लिया लय को मलिया वष्णुजलिया यसालाला सामलिया नाम लिखा कितलिया चिरल
नरवरेश्वर हाथियों और ऊँचे घोड़ों पर बैठे हुए चले। जिसने श्वेतता में सफेद शरद् को पराजित कर दिया है, जिसमें विरक्तों का निवास है, जिसने नरक का निवारण किया है, जो पापों का हरण करनेवाला है, और जो सुभव्यों के लिए वरदान देनेवाला है, ऐसे उस जिनमन्दिर में राजा लोग पहुँचे। उन्होंने वह चित्रपट देखा।
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उनके मन में कामदेवरूपी नट नाच उठा। उसे देखकर अपना कल्याण चाहनेवाला बताओ, कौन सा राजा वहाँ ऐसा था कि रोमांचित न हुआ हो। किसी ने कहा- " यह कन्या रंग में उजली और लता की तरह कोमल है। सुन्दरी यह बाला, इसका नाम ललिता और भ्रमर के समान काले बालोंवाली
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