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उकलेनिलयोशाइरशाणासंदकिसिसकिनिममिन्नवरेणहसिनमुपजणणेअहमिलकिए महापचिरसमासिनीला णिरुवमसहसयदरिसिममणेहिचिरुखवखदाहिमिजगहिवामा सापविडिविसिरिपरिहरवि.पीईचहयोषणपश्यविपासधियचंदरपागुरुहे किउतडीमाज्ञा
णमयकाहेदोडिविकिणिचारियपातमा सहदयविदिक्कियकालज्ञविधिविजायामादा चकोर्नेजसका नैनराजंकवादी वाग्रहापघ्रातिय नामवनमछा
चन्द्रकीर्ति नाम से, सुमित्रवर जयकीर्ति से विभूषित। पिता की मृत्यु होने पर, मैं चिरकाल तक भूमि और लक्ष्मी से आलिंगित रहा। अनुपम शुभ रातों से हर्षित मनवाले हम दोनों ने बहुत समय तक राज्य का
भोग किया। अन्त समय हम दोनों लक्ष्मी को छोड़कर प्रीतिवर्धन वन में प्रवेश कर, जिसने चन्द्रसेन गुरु के चरणों की सेवा की है ऐसे उद्गतकुरु के निर्जन वन में तप किया। दोनों ने पापबुद्धि का निवारण किया और शायद साथ ही समय की गति पूरी की। दोनों ही माहेन्द्र स्वर्ग में देव हुए,
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