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बाऊ वलि केस स्टुमि जवान तिनिजसुरुथिता व्यावरण।।
खलहो। सरवरपंनिहिं वाणवधेगिनु पम्पल्यक्कते सम्पशसिरिवाङ् वलिदेउ जयूंत होमियलुथामसेतु का विवाह नरोमंउंच हिमवसमा वेलाइको काउंसि जम्मू के विवहा अय का मरण असिधयुदर सणादाण केणविशयिसंगामदिक सरमोर कहो क रापरम सिरक केणविगुएला विकहिविचावे चप्पविषुवलयण कुडिल लावे केणविविद्दुत
के लिए मैं सरवरों की कतारों से तट बाँध दूँगा " ॥ ४ ॥
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प्रलयसूर्य के समान तेजस्वी श्री बाहुबलीश्वर देव गरजते हुए तैयार होते हैं। अपने बाहुबल की स्थिरता और बनावट देखकर किसी योद्धा का रोमांच ऊँचा हो गया, उसके हृदय में लोहवंत (लोहे से निर्मित और
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लोभयुक्त) कवच उसी प्रकार नहीं समा सका जिस प्रकार कापुरुष जय के अभिलाषी किसी ने छुरी अपनी करधनी के सूत्र से बाँध ली। किसी ने संग्राम-दीक्षा की इच्छा की और किसी ने तीर चलाने की परम शिक्षा की। किसी ने धनुष की डोरी को कहीं चाँपा, मानो कुटिल भाववाले खलजन को चाँपा हो। किसी योद्धा ने
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