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हासडोधणुरोधुरतपुछपकलो दिसाविसापडलोणियछिलसकंदरा घरेविसंतमंदरा मासु
क्यत्रा
दिसपाह
याडदिर
हस्त्रना माम्न ज्यकर
मोहन णि संतापलो
समाग अविचल्ला पवादाम हापामा मासिठसत्रा
TRACT
DAANSUMERIKARANASIKRAMAT2017
तिषिमुनि अरुणडासिंधिपानफलुयाहासश्कोविजसनमुशनुहमदिरुयावेसज्ञायला ससिरविसहर
धनुर्धारी महासुभट। पूँछ का पिछला भाग हिलाता हुआ सींगों से उज्ज्वल वृषभ, और घर में प्रवेश करते हुए गुफासहित मन्दराचल को देखा। इस प्रकार दृष्टि के आकर्षण को समाप्त करनेवाले स्वप्नसमूह को उसने रात्रि के अन्त में देखा, उसने अपने मन में विचार किया। प्रभात के समय उसने महाआयुवाले अपने भाई
(सोमप्रभ) से संक्षेप में कहा।
पत्ता- यह सुनकर कुरुनाथ स्वप्नफल का कथन करता है-कोई विश्व में उत्तम देव तुम्हारे घर आयेगा॥३॥
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