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LISTOOTATUS
विविधियदोकाविणचक्कराजहिंडणुतहिंयवसखंडणुधास्त्रपूजेमणूसहीडणु विसहरपरणर समनियारा
चिलाताकुरा नमूहक्कल
Radiad जानिजिदेवया
सधकरखा देवरडार मङसामिल सालसमावे किसाणाका किरवलगावें
साहमिय्याला आवत्रिविला
वाणिवश्यमा राजानकऊमंत्रा श्ररसंबोधन।
यमहमुहमण
पिशान्य विय फडाकरणदपुन्नड गरलाणलपलिनगिहिरितडबड उचलतवलममलामस सिरमणिय २६
हतभाग्य विधाता से कोई नहीं बचता। जहाँ युद्ध होगा वहाँ मारकाट अवश्य होगी। इसलिए धैर्य ही मनुष्य ने भी इन वचनों को समझ लिया। उन्होंने मेहमुख नामक नागों का अपने मन में ध्यान किया, जो विकट का मण्डन है। दूसरे की सेना का विदारण करनेवाले जो विषधर हैं, वे तुम्हारे आदरणीय कुलदेव हैं । हे फनों के समूह से उद्भट, विष की ज्वालाओं से गिरितट के वटवृक्षों को दग्ध करनेवाले उठते हुए धुएँ के स्वामी श्रेष्ठ, तुम उनका सद्भाव से स्मरण करो। भय से क्या, और बल के गर्व से क्या?" उन म्लेच्छ राजाओं समान मैले, अपने शिरोमणियों की किरणों से दिशाओं को आलोकित करनेवाले थे।
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