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मारिज विनमहागिरिगस्यपिंजरू साहरणह्मनाइंकजा मर्केगणगिलिउडविसहरू महिी सणणदालनबङयवसाअविरलखरणहरहिणिल्हन बग्छपणहरिणुउर्द्धखवाहपुणे एडपपचारि गवाएणजलसंधारिउइसणारखणालगंदले पिवडमाणुतासाथसब लावता कणाकणापहि लंगलयसलहिरिखदल णियदेवजेताह पहरणवहिंपरिपव शाक्षासुससलिउष्णुमटिएपेलिउ अयपुरहगेतिष्प अति सलसिप अपचापडयासणिधिन अवमुपसणिहित अधषुखरुपखंडिळा अग्रपवियारविहंडिठ अणहाशाखगविदाध्य तन्हाकरजिमासुतहाढालालझलजएव दिकाणिरिएकहि मिगवरायमारविर्किसकहितञ्चनर्तघासासउत्ताविउ अपहोमजलणे पिणुदाविला पिक्सपिवसभरपायाचगनकाउखुशवखाणशाला मोडतिाण णिवास्थिणिहम्ममपरघरिणिरमति जिदपमिमाणिवहरशा अनिवपतनास्ता लो हविणिमिमवयंवदरता तिहण्वहिंघालिंगहिमाणिणियहकरिकुलपीपालणि ममेचिणवजा वणपरवाला अवरुंडदिसामखिंटाला खाज्ञठमाणुसतपुजामठ असुरोडिअमागायल एन
इस सिंह के द्वारा विंध्य महागिरि के गैरिक (गेरु) से पिंजर तुम गज मारे गये थे। तुम विषधर इस गरुड़ कर दिया गया, एक के द्वारा दूसरा विदीर्ण करके छोड़ दिया गया है। एक के द्वारा दूसरा तलवार से विभक्त के द्वारा निगले गये थे। तुम अश्ववर इस भैंसे के द्वारा विदीर्ण हुए थे। बाघ के द्वारा उसके अविरल नखों कर दिया गया और उसी का मांस उसे खाने को दिया गया कि लो-लो. इस समय क्या देखते हो. तुमने बेचारे से तुम हरिण खाये गये थे। इस प्रकार तुम इसको मारो-मारो, वह इस प्रकार बोला, मानो वायु ने ज्वाला पशुओं को मारकर क्यों खाया था? तप्त लोहा, ताँबा और सीसा तपाया गया, और एक दूसरे के लिए मद्य के को प्रज्वलित कर दिया हो। नारकियों की लड़ाई में नारकीय लड़ते हैं और भालों के आसन तथा सब्बलों रूप में दिखाया कि पियो-पियो, तू अरहन्त को नहीं जानता, तुम्हारा कौल सुन्दर व्याख्यान देता है। पर गिरते हैं।
__घत्ता-धर्महीन मति खोटे मार्ग पर जाते हुए तुमने अपना निवारण नहीं किया। और जिससे तुमने रति घत्ता-काटनेवाली शलाकाओं, हलों और मूसलों से बह शत्रु को नष्ट करता है। उसका शरीर उन अस्त्रों बाँधकर दूसरे को स्त्री का रमण किया है ॥ १७॥ के रूपों में परिणमित हो जाता है।॥१६॥
एक के द्वारा दूसरा सेल से पीड़ित किया गया, एक के द्वारा दूसरा मंसुद्धि (शस्त्र विशेष) से ठेला गया। अग्निवर्णा, संतप्त अत्यन्त लाल लोहे से बनी हुई मानो यह तम में अनरक्त हो। गजराज के कम्भ के एक के द्वारा दुसरा त्रिशुल से छेद दिया गया। एक के द्वारा दुसरा चक्र से काट दिया गया। एक के द्वारा दुसरा समान पीन स्तनोंवाली मानिनी का आलिंगन करी, नवयौवना पर-बाला मानकर इस कटीली शाल्मली का आग में फेंक दिया गया, एक के द्वारा दुसरा पशु के समान काट दिया गया। एक के द्वारा दूसरा खुरपे से खण्डित आलिंगन करो । क्षेत्र से उत्पन्न मानसिक शरीर से उत्पन्न असुरों से प्रेरित और अन्य के द्वारा उन्नमित
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