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निपुर्रतपविधारणा अभावमकरिगामिणा सुपपुजिनसूरसामिणाळापरमसिहमियचित्र धरापण मुहिमपंचकादशिरविणुजातासमहादेवटिल्लरंधुनविलासिपिकलध्यकडि लाखचविणुधिनश्कर्शयममुगतिधमाजगकेसरधिकरमुक्कोहयतमण्डल लेविष्ट रदरणमणिपडल जणव्यसंहरिसियशसमुहए धिनचरवारसमुद्दा परिससियममाडुरा रंगठ एवम्मसिहरिहसिहराम मुककिडलामणिंडियाई विससिर्विवानिवडिय कंकणमुक्कडमाशियहार सणिझियमियम
स्वामी आदिनाथ
वडवलनानदा ये काहारें मुक्कलकडिसुझामसरिया विद्या लयाश्याइवियफरिया अंधराइसक्कायमा लजासरीरहायसहिल संसारासारखमुणे प्पिण पंचमदछयाचित्तधराणिण किमकारेंदेह होसारें अपनृसिम्क्यापसारेंमोहजालुसिहा मल्लिक्विंवलासचिमहामुण्डियनदियवहाना
दीक्षाधारिवाश्ये पखवाजनेता लिलकरिधाराद विसमुद्धामा
और चमकते हुए वज्र के धारक ऐरावतगामी इन्द्र ने फिर उनकी पूजा की। परमसिद्धों को अपने मन में धारण ने कंकण छोड़ दिया जैसे नीहार के साथ चन्द्रमा जीत लिया गया हो। क्षुरिका के साथ कटिसूत्र छोड़ दिया कर और शीघ्र ही पाँच मुट्ठियों में भरकर, जितने भी धूर्त विलासिनियों के समान कुटिल बाल थे, उन्हें उन्होंने गया मानो आकाश में चमकती बिजली हो। अमूल्य वस्त्र छोड़ दिये गये जो शरीर के लिए अत्यन्त सुहावने उखाड़ दिया। संसार में इस प्रकार कौन लोग धर्म का स्वयं विचार करते हैं । जो केश उखाड़े गये थे, उन्हें लगते थे। संसार की असारता का विचार कर पाँच महाव्रतों को चित्त में धारण कर देह के भारस्वरूप अलंकार तमसमूह को नष्ट करनेवाले मणिपटल में रखकर जनपदों को मत्स्यमुद्रा नहीं दिखानेवाले क्षीरसमुद्र में इन्द्र से क्या? व्रत के प्रभार से उन्होंने अपने को विभूषित किया। मोहजाल की तरह वस्त्रों को छोड़कर वह शीघ्र ने फेंक दिया। रति से कीड़ा करनेवाला मुकुट छोड़ दिया मानो कामदेव के शिखर का अग्रभाग फेंक दिया ही दिगम्बर महामुनि हो गये। गया हो। मणिजड़ित कुण्डल छोड़ दिये गये मानो रवि और शशि के बिम्ब गिर गये हों। मोतियों के हार
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