Book Title: Gommatasara Karma kanda
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, Jawaharlal Shastri
Publisher: Shivsagar Digambar Jain Granthamala Rajasthan
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(१४) विहायोगति
( अपिण्डप्रकृतियां )
गोम्मटसार कर्मकाण्ड - १११
प्रशस्त
अप्रशस्त
अगुरुलघु
उपघात
परघात
उच्छ्वास
आतप
उद्योत
त्रस
स्थावर
बादर
सूक्ष्म
पर्याप्त
अपर्याप्त
प्रत्येकशरीर
साधारण शरीर
स्थिर
अस्थिर
शुभ
अशुभ
सुभग
दुर्भग
सुस्वर
दुःस्वर
आदेय
१० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
२० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
२० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
२० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
२० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
२० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
२० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
२० कोडाकोड़ी सागरोपम
२० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
२० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
२० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
१८ कोड़ाकोड़ी सागरोपम
२० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
१८ कोड़ाकोड़ी सागरोपम
२० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
१८ कोड़ाकोड़ी सागरोपम
१० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
२० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
१० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
२० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
१० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
२० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
१० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
२० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
१० कोड़ाकोड़ी सागरोपम
२/७ सागर
२/७ नागर *
२/७ सागर *
२ / ७ सागर *
२/७ सागर *
२ / ७ सागर *
२/७ सागर *
२ / ७ सागर *
२/७ सागर*
२/७ सागर *
२ / ७ सागर *
२ / ७ सागर *
२/७ सागर
*
這
२/७ सागर*
२/७ सागर *
२/७ सागर *
२/७ सागर *
२ / ७ सागर *
२/७ सागर
२/७ सागर *
२ / ७ सागर *
२/७ सागर *
२/७ सागर *
२/७ सागर
२/७ सागर *