Book Title: Gommatasara Karma kanda
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, Jawaharlal Shastri
Publisher: Shivsagar Digambar Jain Granthamala Rajasthan
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उपशमक
अपूर्वकरण
उपशमक
अपूर्वकरण
उपशमक
अपूर्वकरण
उपशभक
अपूर्वकरण
उपशमक
अपूर्वकरण
उपशमक
अपूर्वकरण
उपशमक
अपूर्वकरण
अबद्धायुष्क की अपेक्षा
नौवाँ स्थान
बद्धायुष्क की अपेक्षा
| दसवाँ स्थान
अबद्धायुष्क की अपेक्षा
| दसवाँ स्थान
बद्धायुष्क की अपेक्षा
११वाँ स्थान
अबद्धायुष्क की अपेक्षा
११वाँ स्थान
बद्धामुष्क की अपेक्षा
१२ स्थान
अबद्धायुष्क की अपेक्षा
१२वाँ स्थान
१
१
१
१
गोम्मटसार कर्मकाण्ड - ३८६
१३४
१४१
१४०
१३७
१३६
१३४
१३३
१३४ ( उपर्युक्त १३५ प्रकृति में से १ बध्यमान आयु कम की)
१ भंग, भुज्यमानमनुष्यायु ।
१४१ (१४८-७, २ आयु-तीर्थङ्कर और
आहारकचतुष्क)
१ भंग, बध्यमानदेवायु 1
१४० ( उपर्युक्त १४१ प्रकृति में से १ बध्यमान आयु कम करने पर १४० प्रकृति की सत्तावाला स्थान बना ) १ भंग, भुज्यमानमनुष्यायु ।
१३७ ( बद्धायुष्क के १०वें स्थान सम्बन्धी १४१ प्रकृति में से अनन्तानुबन्धी चार कषाय कम की)
भंग,
भुज्यमानमनुष्यायु
१
वध्यमानदेवायु ।
भुज्यमानमनुष्यायु
१३६ ( उपर्युक्त १३७ प्रकृति में से १ बध्यमान आयु कम की)
१. भंग, भुज्यमानमनुष्यायु ।
१३४ ( बद्धायुष्कसम्बन्धी ११ वें स्थान की
१३७ प्रकृति में से दर्शनमोहनीय की
१
बध्यमानदेवायु
३ प्रकृति कम की ) भंग,
भुज्यमानमनुष्यायु
-
१३३ (अबद्धायुष्कसम्बन्धी ११ वें स्थान की
१३६ प्रकृति में से दर्शन मोहनीय की
३ प्रकृति कम की)
९ भंग, भुज्यमानमनुष्यायु ।