Book Title: Gommatasara Karma kanda
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, Jawaharlal Shastri
Publisher: Shivsagar Digambar Jain Granthamala Rajasthan
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गोम्मटसार कर्मकाण्ड-६४७ क्रमश: तीर्थङ्करप्रकृतिसहित व रहित हैं, बन्धका अभाव है, उदय क्रमसे तीर्थङ्करसहितके ९ प्रकृतिका एवं तीर्थङ्कररहितके ८ प्रकृतिका जानना। इसप्रकार सत्त्वस्थानरूप आधारमें बन्ध-उदयको आधार मानकर कथन किया।
अधिकरणरूप सत्त्व में आधेयरूप बन्ध-उदयस्थानसम्बन्धी त्रिसंयोग की सन्दृष्टि
अधिकरण
आधेय
सत्त्वस्थान
बन्ध
उदय
बन्धस्थानगत प्रकृति संख्या का विवरण
स्थान संख्या
स्थान
उदयस्थानगत प्रकृतिसंख्या का
विवरण
संख्या
२९-३०-३१ व १ प्रकृतिक
२१-२५-२६-२७-२८
२९ व ३० प्रकृतिक
२३-२५-२६-२८
२९-३० व १
२१-२४-२५-२६-२७
२८-२९-३० व ३१
२८-२९-३० व १ प्रकृतिक
२१-२५-२६-२७
२८-२९ व ३०
२३-२५-२६-२८
२९-३० व १
२१-२४-२५-२६२७-२८-२९-३० व ३१ प्रकृतिक
२३-२५-२६२८-२९ व ३०
२३-२५-२६-२९ व ३० प्रकृतिक
२१-२४-२५-२६-२७२८-२९-३० व ३१ प्र.
२१-२४-२५-२६ प्रकृतिक
२३-२५-२६-२९ व ३० प्रकृतिक