Book Title: Gommatasara Karma kanda
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, Jawaharlal Shastri
Publisher: Shivsagar Digambar Jain Granthamala Rajasthan
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गोम्मटसार कर्मकाण्ड-६८५
आगे पूर्वोक्तभंगों की संख्या कहते हैं
चवीसारसयं तालं चोद्दस असीदि सोलसयं । छाउदी बारसयं बत्तीसं बिसद सोल बिसदं च ॥७९७ ॥ सोलस बिसदं कमसो धुवगुणगारा अपुष्वकरणोत्ति । अद्भुवगुणिदे भंगा धुवभंगाणं ण भेदादो ।।७९८ ।। जुम्मं ॥
अर्थ - मिथ्यात्वगुणस्थानसे अपूर्वकरणगुणस्थानपर्यंत क्रमसे ध्रुवगुण्य मिध्यात्वगुणस्थानमें १६५६०, सासादनमें १८२४, मिश्रमें १४४०, असंयतगुणस्थानमें १६८०, देशसंयतगुणस्थान में १२९६, प्रमत्त २३२, अप्रमत्तमें २१६ और अपूर्वकरणगुणस्थानमें भी २१६ भंग हैं इन ध्रुवगुण्योंका अपनेअपने अध्रुवगुणकारसे गुणा करनेपर उस उस स्थानके भंग होते हैं इससे आगे केवल ध्रुव भंगोंका ही भेद है, क्योंकि वहाँ भय - जुगुप्सा और अविरतियोंका अभाव होनेसे अध्रुवगुणकार नहीं है।
अब कायबन्धमें पूर्वोक्त द्विसंयोगी आदि भङ्गोंको निकालनेका विधान कहते हैंछप्पंचादेयतं रूवुत्तरभाजिदे कमेण हदे ।
लद्धं मिच्छचक्के देसे संजोगगुणगारा ।। ७९९ ॥
अर्थ- - ६-५-४-३-२-१ और इसके नीचे प्रत्येकरूपमें क्रमसे १-२-३-४-५-६ लिखना एवं इनको गुणा करने और भाग देनेपर प्रथम चार गुणस्थानों में व पंचमगुणस्थानमें कायहिंसासम्बन्धी भन्न प्राप्त होते हैं।
विशेषार्थ- पहले अपने अंश ६ को हर १ से भाग देनेपर ६ लब्ध आया सो प्रत्येक भंग तो छह हैं तथा पूर्ववर्ती ६ से आगेके ५ को गुणा करनेपर ६५=३० अंशरूप राशि प्राप्त हुई सो इसमें पूर्ववर्ती एकसे दो को गुणा करनेपर जो हर रूप २ राशि प्राप्त हुई उसका भाग देनेसे ३०÷२ = १५ आया ये द्विसंयोगी भंग हैं । ३० प्रमाणराशि से अगले ४ को गुणा करके ३०x४ = १२० अंश आये सो पूर्ववर्ती २ से अगले ३ को गुणा किया तो ६ लब्ध आया। इस हररूप ६ से अंशराशि १२० में भाग दिया तो २० लब्ध जो त्रिसंयोगी भंगोंकी संख्या है। १२० रूप अंशराशिसे आगे के ३ को गुणा करने से ३६० अंशराशि हुई सो इसको पूर्ववर्ती ६ में अगले ४ का गुणाकरनेसे २४ भागहर आया । इससे भाग देनेपर ३६०÷२४=१५ लब्ध आया, यह चतुस्संयोगी भंगका प्रमाण है। उपर्युक्त ३६० रूप अंशराशिको अगले दो से गुणा करने से ३६०x२=७२० अंश होते हैं सो इसमें उपर्युक्त २४ प्रमाण राशिको अगले ५ का गुणाकरके २४४५ = १२० रूप भागहर आया, इसका भाग देनेपर ६ लब्ध आता है। सो इतने पंचसंयोगी