Book Title: Gommatasara Karma kanda
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, Jawaharlal Shastri
Publisher: Shivsagar Digambar Jain Granthamala Rajasthan
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गोम्मटसार कर्मकाण्ड-७१५
देशसंवत
प्रमत्त
३ ज्ञान, ३ दर्शन, १ वेदकसम्यक्त्व, ५ लब्धि, १ देशसंयम उपर्युक्त १३ में से अवधिज्ञान व अवधिदर्शन कम करनेसे (१३-२०११) ४ ज्ञान, ३ दर्शन, १ वेदकसम्यक्त्व, १ सराग़संयम, ५ लब्धि । उपर्युक्त १४ में से १ मनःपर्ययज्ञान कम करनेसे (१४-१-१३) उपर्युक्त १४ में से अवधिज्ञान व अवधिदर्शन कम करनेसे (१४-२-१२) जापाईक. १४ में से अवधि मन पयज्ञान व अवधिदर्शन, कम करनेसे (१४-३-११) प्रमत्तगुणस्थानवत्।
अप्रमत्त
१४-१३
अपूर्वकरण
४ ज्ञान, ३ दर्शन और ५ लब्धि। उपर्युक्त १२-१ (मन:पर्ययज्ञान) उपर्युक्त १२-२ (अवधिज्ञान-अवधिदर्शन) उपर्युक्त १२-३ (अवधि-मन:पर्ययज्ञान व अवधिदर्शन) अपूर्वकरण गुणस्थानवत्।
अनिवृत्तिकरण|
४
१२-११
सूक्ष्मसाम्पराय
अपूर्वकरण गुणस्थानवत् ।
१२-१११० व ९
उपशान्तकषाय
१२-१११० व ९
अपूर्वकरण गुणस्थानवत्।
क्षीणकषाय
१२-११
अपूर्वकरण गुणस्थानवत्।