Book Title: Gommatasara Karma kanda
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, Jawaharlal Shastri
Publisher: Shivsagar Digambar Jain Granthamala Rajasthan
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गोम्मटसार कर्मकाण्ड-६६६
गुणस्थानकी अपेक्षा ५५ उत्तरप्रत्ययोले मृदय-अबुदा-ज्युमिनिबन्धी संदृष्टि
गुणस्थान
उदयागत | अनुदयरूप प्रत्यय- प्रत्यय
संख्या
अनुट्यरूप प्रत्ययसंख्या | व्युच्छित्ति व्युच्छित्तिरूप प्रत्ययका विशेष विवरण रूप प्रत्यय संख्या का विवरण
संख्या
संख्या
मिथ्यात्व
आहारक-आहा.मिश्रकाययोग
५ (मिथ्यात्व) ४ (अनन्तानुबन्धीकी
चारकषाय)
सासादन
उपर्यत २ योग एवं ५ मिथ्यात्व
मिश्र
उपर्युक्त ७+४ अनंतानुबन्धी कषाय+औदा.मिश्र+वैक्रि मि. +कामणकाययोग
असंयत
४६ । ११ । पूर्वोक्त ७+४ अनन्तानुबंधी
कषाय
४ अप्रत्याख्यानकषाय+ वैक्रियिक वैक्रि.मिश्र औदा.+औदा.मिश्रा कार्मण+त्रसहिंसा
अविरति
देशसंयत
३७
।
२०
११ अविरति+४ प्रत्याख्यार-कषाय
१+४ अप्रत्याख्यान कषाय+औदा, मिश्र+वैक्रि. काय+वैक्रि.मिश्र+कार्मण+
त्रसहिंसा अविरति
प्रमन्त्र
२४ । ३३ ।
उपर्युक्त २० +११ अविरति+ ४ प्रत्याख्यान-आहारक एवं
आहारक मिश्रकाय
आहारककाय+आहारक
'मिश्रकाययोग
अप्रमत्त
२२
अपूर्वकरण
उपर्युक्त ३३+आहारक+
आहारकमिश्र उपर्युक्त ३३+आहारक+
आहारकमिश्न उपर्युक्त ३५+६ हास्यादि
हास्यादि नोकषाय।
५ (नपुंसकवेद)
अनिवृत्तिकरण भाग १