Book Title: Gommatasara Karma kanda
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, Jawaharlal Shastri
Publisher: Shivsagar Digambar Jain Granthamala Rajasthan
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गोम्मटसार कर्मकाण्ड - ६०१
अधिकरणरूप उदय व सत्त्वस्थान में आधेयरूप बन्धस्थान की सन्दृष्टि
अधिकरण
आधेय
उदयस्थान
१० प्रकृतिक
९ प्रकृतिक
९ प्रकृतिक
मिश्र व असंयत
में ९ प्रकृतिक
८ प्रकृतिक
८ प्रकृतिक
८ प्रकृतिक
सख
स्थान की
सख्या
क्षायिक सम्यक्त्व में
असंयती के
८ प्रकृतिक
३
१
२
३
१
.२
३
१
सच्चस्थानगत
प्रकृति विवरण
२८-२७ व २६
( सम्यक्त्वप्रकृति की उद्वेलना
हो जानेपर २७ प्रकृति का तथा सम्यक्त्व व सन्वग्मिथ्यात्व प्रकृति की उद्वेलना होने पर
२६ प्रकृतिका तत्त्व होता है। २८ प्रकृतिक
२७ व २६ प्रकृतिक
२४-२३-२२ प्रकृतिक, मिश्र २४ प्रकृतिकरूप एवं असंयतमें २४ २३ व २२ प्रकृतिरूप |
२८ प्रकृतिक
२७ व २६ प्रकृतिक
२४- २३ व २२ प्रकृतिक
बंधस्थान संख्या
२१ प्रकृतिक
१
३
१
?
X
१
२
82
१
बन्धस्थानगत प्रकृति विवरण
२२ प्रकृतिक
२२- २९ व १७ प्रकृतिक
२२ प्रकृतिक
१७ प्रकृतिक
२२-२१-१७ व १३ प्रकृतिक
२२ प्रकृतिक
१७ व १३ प्रकृतिक
(असंयत के ५७ व
देशसंयत के १३)
१७ प्रकृतिक