Book Title: Gommatasara Karma kanda
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, Jawaharlal Shastri
Publisher: Shivsagar Digambar Jain Granthamala Rajasthan
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गोम्मटसार कर्मकाण्ड-१६२
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भाग कमकरके ३००० - ३००० - २००० प्रमाण बहुभागद्रव्य मतिज्ञानावरण सम्बन्धी जानना। इसी प्रकार पूर्वोक्त प्रतिभागविधि से अन्य चार प्रकृतियों के द्रव्य का प्रमाण भी प्राप्त करना चाहिए | वह मात्र अङ्कों में इस प्रकार है - ___३०००; ३ = ३९९० , ३००० . ३००० - २००° यह द्रव्य श्रुतज्ञानावरण को देना । ३००० ३ ३००० ३००० - ३००० - २०० प्रमाणद्रव्य अवधिज्ञानावरण का तथा ३००० ३ - ३११०, ३००० - ३०००-२००० प्रमाण द्रव्य मनः पर्ययज्ञानावरण का जानना एवं शेष एकभाग ३००० अर्थात् १००० प्रमाणद्रव्य केवलज्ञानावरण का जानना। इस प्रकार ज्ञानावरणकर्मसम्बन्धी सर्वधातिद्रव्य ९००० का उसकी उत्तरप्रकृतियों में विभाग किया।
ज्ञानासरमाकपम्बन्धी समातिद्धमाके रहरप्रकृनियों में विभाग की सन्दृष्टि | मतिज्ञानावरण| श्रुतज्ञानावरण| अवधिज्ञानावरण मनःपर्यय-ज्ञानावरण | केवलज्ञानावरण | कुल योग
१२००+ १२०० +
२७
२७
१२००+
१२००+
१२००+
= ६०००
२००० |
२००० ।
२०००
१०००
.९
२७
२७
३२००
| १८६६.३ | १४२२-२ | १२७४-२
१२३७.२८
- ९०००
अब देशघातिद्रव्य ३६००० का विभाग मति-श्रुत-अवधि और मनःपर्यय-ज्ञानावरणरूप प्रकृतियों में करते हैं -
देशघातिद्रव्य ३६००० में प्रतिभागके प्रमाण ३ (आवलीका असंख्यातवांभाग) का भाग देनेपर ३६०००३ = १२००० आया | इसको ३६००० में से घटाने पर (३६०००-१२०००) २४००० प्रमाण बहुभागद्रव्य है। इसके समानभाग करके मतिज्ञानावरणादिको देना अर्थात् २४००० ४ = ६००० प्रमाणद्रव्य चारों प्रकृतियों को समानरूप से दिया जायेगा। शेष एकभाग रूप जो १२००० प्रमाणद्रव्य है उसमें प्रतिभाग का भाग देकर एकभागबिना शेष बहभाग मतिज्ञानावरण को देना अर्थात् १२००० ३ = ४०००, १२०००-४००० = ८००० प्रमाणद्रव्य मतिज्ञानावरण को मिला। पुनश्च शेष जो ४००० प्रमाण एक भाग है उसमें प्रतिभाग (३) का भाग देकर एकभागबिना शेष बहुभाग श्रुतज्ञानावरण को देना तद्यथा - ४०००३ = ४०००/३, ४०००/१- ४०००/३ - ८०००/३ यह द्रव्य श्रुतज्ञानावरणका जानना। इसीप्रकार आगे भी शेष बचे एक भाग में प्रतिभागका भाग देकर एक भाग बिना बहुभागद्रव्य