Book Title: Gommatasara Karma kanda
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, Jawaharlal Shastri
Publisher: Shivsagar Digambar Jain Granthamala Rajasthan
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गोम्मटसार कर्मकाण्ड-३७८
असंयत
२
बद्धायुष्क | की अपेक्षा १४वां स्थान
१ भंग, अबद्धायुष्कसम्बन्धी तृतीयस्थान
के समान जानना। । १३६ १३६ (बद्धायुष्कके १३वें स्थानमें कथित
१३७ प्रकृतिमें से सम्यग्मिथ्यात्वप्रकृति कम की)
२ भंग, बद्धायुष्कके दूसरे स्थानके अनुसार .. यहाँ भी. जानना। | १३५ १३५ (अबद्धायुष्कके १३वें स्थानकी १३६
प्रकृतिमें से १ सम्यग्मिथ्यात्वप्रकृति कम
की) ३ भंग, अबद्धायुष्कके प्रथमस्थानके समान यहां भी जानना।
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असंयत
३
अबद्धायुष्क | की अपेक्षा १४वाँ स्थान
असंयत
२
। १३५
बद्धायुष्क की अपेक्षा १५वाँ स्थान
१३५ (बद्धायुष्कके १४वें स्थानकी १३६
। प्रकृतिमें से १ सम्यक्त्वप्रकृति कम की)
२ भंग, बद्धायुष्क की अपेक्षा दूसरे स्थानके | समान यहाँ भी जानना।
असंयत
१३४
अबद्धायुष्क की अपेक्षा १५वाँ स्थान
| १३४ (अबद्धायुष्कके १४वें स्थानकी १३५
प्रकृतिमें से १ सम्यक्त्वप्रकृति कम की) ३ भंग, अबद्घायुष्क के प्रथमस्थान के समान यहाँ भी जानना।
असंयत
५
बद्धायुष्क की अपेक्षा १६वां स्थान
। १४१ ।१४१ (१४८-७, भुज्यमान व बध्यमान
आयुबिना २ आयु, तीर्थक्कर और
आहारकचतुष्क) ५ भंग, बद्धायुष्ककी अपेक्षा छठे स्थान के समान यहाँ भी जाना।
असंयत
१४०
अबद्धायुष्क की अपेक्षा १६वां स्थान
उपर्युक्त १४१ प्रकृतिमें से १ बध्यमान आयु कम करने से १४० प्रकृति हैं।
४ भंग, भुज्यमानचारों आयुकी अपेक्षा | जानना।