Book Title: Gommatasara Karma kanda
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, Jawaharlal Shastri
Publisher: Shivsagar Digambar Jain Granthamala Rajasthan
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गोम्मटसार कर्मकाण्ड-३७९
असयत
५
| बद्धायुष्क |
की अपेक्षा | १७वाँ स्थान
| १३७ | १३७ (बद्धायुष्कके १६वें स्थानमें कथित
१४१ प्रकृतिमें से अनन्तानुबन्धीकषाय
४ कम की) ५ भंग, बद्धायुष्कके छठे स्थानवत् जानना ।
असंयत
४
। १३६
अबद्धायुष्क की अपेक्षा १७वा स्थान
१३६ (अबद्धायुष्कके १६ स्थानकी १४०
प्रकृति से अनन्तानुबन्धी ४ कषाय __ कम की)
४ भंग, भुज्यमान चारों आयु की अपेक्षा जानना।
असंयत
३
बदायुष्क । की अपेक्षा १८वाँ स्थान
। १३६ ।१३६ (बद्घायुष्कके १७वें स्थानकी १३७
प्रकृतिमें से १ मिथ्यात्वप्रकृति कम की) | ३ भंग, बद्धायुष्कके ९वें स्थानके समान जानना।
असंयत
५
। १३५
अबद्धायुष्क की अपेक्षा १८वां स्थान
१३५ (अबद्धायुष्कके १७वे स्थानकी १३६ ___ प्रकृतिमेंसे १ मिथ्यात्वप्रकृति कप की) १ भन्न, अबद्धायुष्कके ८वें स्थानके समान
असयत
बद्धायुष्क की अपेक्षा १९वां स्थान
१३५ | १३५ (बद्धायुष्कके १८वे स्थानकी १३६
प्रकृतिमें से १ सम्यग्मिथ्यात्वप्रकृति कम
की) ३ भज, बद्धायुष्कके ९वें स्थानके समान।
असयत
४
अबद्धायुष्क । की अपेक्षा १९वाँ स्थान |
। ५३४ | १३४ (अबद्धायुष्कके १८३ स्थानकी १३५
प्रकृतिमें से सम्यग्मिथ्यात्व कम की) ४ भंग, भुज्यमान चारों आयुकी अपेक्षा ।