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विविध शरीराङ्गों पर व्रणशोथ का प्रभाव १६६ है। इस प्रकार से मस्तिष्कछदपाक न तो निदान से प्रकट होता है और न मृत्यूत्तर परीक्षा करने पर।
२-मस्तिष्कगोलाण्विक रोगाणता जिसके साथ निदान करने पर मस्तिष्कछद पाक नहीं मिलता पर मृत्यूत्तर परीक्षा करने पर तानिकाओं में अधिरक्तता तथा उपसर्ग देखा जाता है। ___३-मस्तिष्कगोलाण्विक रोगाणुता जिसके साथ मस्तिष्कछदपाक न होकर पूयिक बहुसन्धिपाक ( septic polyarthritis) हो । तथा ___४-मस्तिष्कछदपाक मन्थर ( meningitis tarda ) जब कि रक्त में मस्तिष्कगोलाणु द्वारा रोगाणुरक्तता उत्पन्न होने के कई सप्ताह पश्चात् मस्तिष्कछद पाक होता है।
हैरिक ने मस्तिष्कगोलाण्विक रोगाणुरक्तता का निम्न शब्द चित्र प्रस्तुत किया है : "The patient is dull, apathetic, indifferent; he plaintively resents disturbance, responds in monosyllables with the expen. diture of & minimum amount of energy and prefers to lie on the side with knees drawn up and head bent forward. अर्थात् रोगी मन्द, निरुत्साहित, उदासीन होता है; वह अशान्ति से घबरा जाता है, अत्यन्त अल्प शक्ति व्यय करते हुए अल्प शब्दों में उत्तर देता है वह सिर आगे झुका कर और घुटने मोड कर एक करवट से सोना अच्छा समझता है।'
मस्तिष्कछदपाक होने के पूर्व अधिकांश रोगियों के रक्त का संवर्ध मस्तिष्कगोलाण की उपस्थिति प्रकट किए बिना नहीं रहता। मस्तिष्कगोलाणुजन्य रोगाणुरक्तता महीनों रहने के उपरान्त मस्तिष्कछदपाक मन्थर होते हुए देखा गया है। एक रोगी को यह रोगाणुरक्तता ५ मास रही और इस बीच इसे दो बार मस्तिष्कछदपाक हुआ जिससे वह दोनों बार बच गया। मस्तिष्कछदपाक के ३३ प्रतिशत रोगियों में प्रारम्भ में रक्तसंवर्ध अस्त्यात्मक अवश्य ही मिलता है। रोगाणुरक्तता के कारण रक्तस्त्रावी विक्षत ( haemorrhagic lesions ) ही केवल मिल सके हैं । अर्थात् त्वचा या श्लैष्मिककला पर नीलोहीय उत्कौठ ( purpuric rash ) तथा लसाभ धरातलों पर नीलोहाङ्कीय रक्तस्राव (petechial haemorrhages ) पाये जाते हैं। __ मस्तिष्कछदीयावस्था में सामान्य लक्षणों के साथ साथ प्रमस्तिष्कीय लक्षण भी मिल जाते हैं। इनमें शीर्षशूल और वमन का प्रधान कारण अन्तःकरोटीय निपीडाधिक्य है । ग्रीवा की स्तब्धता ( stiffiness ) और प्रत्याकर्षण ( retraction ) का कारण मस्तिष्काधार के पश्वभाग का प्रक्षुब्ध होना है। ग्रीवा के ये दोनों लक्षण शिशुओं के पश्च आधारीय मस्तिष्कछदपाक में उग्ररूप धारण किए हुए देखे जाते हैं। वहाँ सिर एडी तक को छूने लगता है । टेरता (strabismus या squint ) तथा
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